राजा के साथ कबीर साहेब जी गए शिकार पर | 2D Animation Story | Sant Rampal Ji Maharaj| Dharti Upar Swarg | धरती ऊपर स्वर्ग | कबीर साहेब ने राजा बीर सिंह और उनकी पूरी सेना को बचाया |
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एक दिन पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी सतनाम की दीक्षा देने के लिए अपने शिष्य काशी नरेश राजा बीर सिंह बघेल के महल को गए। कबीर साहेब ने देखा की बीर सिंह शिकार पर जाने को लेकर तैयार है।
B: गुरुदेव, आज कृपया आप भी शिकार पर हमारे साथ चलिए।
G: राजन, अगर में आपके साथ चलूंगा तो आपको कोई भी शिकार नही मिलेगा।
राजा के बार बार निवेदन करने पर कबीर साहेब राजा के साथ शिकार के लिए चल पड़े।
सेना ने जंगल अपना पड़ाव डाला और जंगल में गहरे शिकार के लिए चले गए।
गर्मियों का मौसम था और दोपहर निकल चुकी थी। सेना के पास साथ में रखा सब कुछ खत्म हो चुका था।
सब भूख प्यास से व्याकुल थे।
B: मंत्री जी, जल्दी कुछ उपाय कीजिए, वरना मेरा जीवन नही रह पाएगा।
M: क्षमा करे राजन, हमने चारो तरफ सैनिक दौड़ाकर देख लिया है। आप पास कुछ नही है। हमारा पड़ाव काफी दूर रह गया है।
G: राजन, उस सामने वाले पहाड़ पर एक बगीचा है और वहां पानी भी है।
M: वो पहाड़ तो वही है, जहां हमने पिछली बार पड़ाव डाला था। उस पर तो कोई बगीचा नही था।
S: भाई साधु संतो की बात पर अविश्वास नही होना चाहिए।
एक बार वहां भी देख लेना चाहिए।
M: सैनिकों, जरा देखकर आना, अगर भगवान की दया हुई तो शायद पानी मिल जाए।
दो घुड़सवार पहाड़ की तरफ गए। वहां जाकर उन्होंने सब को बुला लिया।
सभी ने जाकर देखा की वहा एक बहुत सुंदर बगीचा है और उसमे एक छोटा सा तालाब भी है। सभी अचंभित थे की यहां सूखे पहाड़ पर इतना सुंदर बगीचा कहा से आ गया।
B: क्या बात है, यह तो भगवान की ही दया हुई है।
सभी ने पानी पिया और फल खाए। फल भी बहुत स्वादिष्ट थे।
B: गुरुदेव, इतने स्वादिष्ट फल तो मेने आज तक नही खाए।
राजा के सेवकों ने कई फल तोड़ कर अपने साथ ले लिए।
कई घंटो के आराम के बाद सभी वहां से चल पड़े।
B: गुरुदेव, ये कैसा चमत्कार है। पिछली बार जब हम यहां रुके थे तब यहां कोई बगीचा नही था, और आज ये कहां से आ गया।
इतना कहकर राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां कोई बगीचा नही था।
B: अरे? ये क्या, वहां तो कुछ भी नही है? वह बगीचा कहा गया।
सभी ने मुड़कर देखा तो वहां ऊबड़ खाबड़ पहाड़ के सिवाय कुछ नही था।
G: जहां से वह आया था, वही चला गया।
B: मतलब? वो बगीचा हमारी प्राण रक्षा के लिए ही आया था?
G: हां राजन, वह सतलोक से आया था, और इसीलिए उसके फल इतने स्वादिष्ट थे।
सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ कबीर साहेब का शुक्रिया अदा करने लगे।
इस चमत्कार को देख सभी कबीर साहेब से दीक्षा प्राप्त करना चाहते थे।
G: अब सीधे महल चलो और वही सबको दीक्षा दूंगा।
राजा का काफिला नगर को आ गया।
कबीर साहेब ने सभी को मंत्र दीक्षा दी।
G: राजन, आज से ये प्रतिज्ञा करो की कभी भी शिकार करने नही जाओगे।
B: जो आज्ञा गुरुदेव, आज से प्रतिज्ञा लेता हुं की में कभी भी शिकार पर नही जाऊंगा।
तब कबीर साहेब ने राजा बीर सिंह बघेल और रानी को सतनाम दिया।
दीक्षा देकर कबीर साहेब वहां से चले गए।
Негізгі бет राजा बीर सिंह के साथ कबीर साहेब गए शिकार पर| 2D Animation Story | Sant Rampal Ji | Dharti Upar Swarg
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