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राजेश्वरी चटर्जी एक शिक्षक और वैज्ञानिक थीं। डॉ- चटर्जी को 1947 में प्रतिष्ठित मिशिगन विश्वविद्यालय में पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति के लिए चुना गया था। ये एक ऐसा समय था जब कुछ ही महिलाओं ने विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त की और कुछ ही विदेश गईं। 1953 में अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद राजेश्वरी चटर्जी भारत लौटीं और भारतीय विज्ञान संस्थान में इलेक्ट्रिकल कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की संकाय सदस्य बनी। डॉ चटर्जी इलेक्ट्रिकल कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के चेयरमैन पद के लिए भी चुनी गईं। अपने जीवनकाल में उन्होंने 20 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया, 100 से भी ज्यादा शोध पत्र और 7 पुस्तकें लिखीं।
Негізгі бет राजेश्वरी चटर्जी: प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक
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