आचार्य जी नमस्कार । क्या आर्य समाज के अनुसार श्री कृष्ण केवल मात्र एक मात्र एतिहासिक पुरुष थे ? इस आलोचना से मुझे ऐसा ही प्रतीत होता । आचार्य जी भगवान श्री कृष्ण को योगेश्वर मानने के लिए तैयार नहीं । यह तत्व चिन्मयतात्विक न होकर जरतात्विक हो गया । भगवान को जरबुद्धि से विचार किया गया । अदैतवाद ओर दैतवाद मे विरोध है क्या?
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