श्री सद्गुरु माणिकप्रभु महाराज का चरित्र अद्भुत है। इस चरित्र के पठन, गायन, मनन एवं चिंतन से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होकर उनकी आध्यात्मिक साधना को गति प्राप्त होती है। प्रभुभक्त सौभाग्यवती अरुंधती भागवत ने श्री माणिक चरितामृत से प्रेरणा लेकर ६३ छंदों में हिंदी भाषा में प्रभु चरित्र को समेटने का सुंदर प्रयास किया है। उनकी यह रचना काव्य की दृष्टि से अत्यंत मधुर, प्रासादिक और सुंदर है। इस काव्य की गेयात्मकता के कारण 'अधिकस्य अधिकं फलम्' यह उक्ति भी चरितार्थ होती है। इसे उनकी कन्या कु. अनुष्का एवं कु. आकांक्षा ने अत्यंत मधुर स्वर में गाया है। आशा है, प्रभुप्रेमी भक्तजन उनके इस सफल प्रयास का समुचित समादर करेंगे।
Written by: Arundhati Bhagwat
Sung by: Anushka Bhagwat & Akanksha Bhagwat
Music: Anandraj Manik Prabhu
Harmonium: Ajay Sugaonkar
Tabla: Rajusingh Tiwari
Recorded by: Chijjwal Prabhu
Digitally recorded at: Siddhachal Studio, Maniknagar
Негізгі бет श्रीमाणिकसुचरित - Shri Manik Sucharit
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