Ramanand Sagar's Shree Krishna Episode 39 - Slaughter of Kansa elephant by Shri Krishna and battle with wrestlers
मथुरा की प्रथम प्रातः श्रीकृष्ण सूर्य उपासना करते हैं। आकाश में भगवान ब्रह्मा प्रकट होते हैं और नारायण स्वरूप श्रीकृष्ण से निवेदन करते हैं कि आज ग्रहों और नक्षत्रों का वह योग बन रहा है जिसमें पापी कंस का अन्त किया जा सकता है। यदि आज आपने दया और करुणा भाव दिखाकर उसे जीवित छोड़ दिया तो वह अपने कृत्यों से सत्पुरुषों को प्रताड़ित करता रहेगा। अतएव आपने जिस कार्य के लिये अवतार लिया है, उसे अवश्य सम्पन्न करें। श्रीकृष्ण भगवान ब्रह्मा और अन्य देवताओं को कंस वध के लिये आश्वस्त करते हैं। रंगशाला में तुरहियाँ बजती हैं। वहाँ मल्लयुद्ध के लिये चार पहलवान तैयार खड़े हैं। नगरवासियों के जयकारे के बीच से कृष्ण और बलराम रंगशाला की ओर बढ़ते हैं। तभी कंस की पूर्व निर्धारित योजना के अनुरूप दस हजार हाथियों का बल रखने वाले कुवलियापीठ हाथी को छोड़ दिया जाता है। मदमस्त हाथी को आता देख भीड़ में भगदड़ मच जाती है। हाथी कई लोगों को अपने पैरों तले रौंद देता है। चारों ओर तबाही मचाता हुआ कुवलियापीठ हाथी कृष्ण के सामने आता है। कृष्ण हाथी के दांत और सूँड़ को पकड़ कर उसे गेंद की तरह हवा में उछाल देते हैं। हाथी चकरघिन्नी की तरह जमीन पर आ गिरता है और दम तोड़ देता है। कंस का महामंत्री चाणुर यह दृश्य देखकर भयभीत होता है। तभी नन्द बाबा गोकुलवासियों के साथ वहाँ पहुँचते हैं और अपने कान्हा को सकुशल पाकर आनन्दित होते हैं। कृष्ण कहते हैं कि मैंने माता यशोदा के हाथ का माखन खाया है, ये हाथी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता था। उधर चाणुर रंगशाला पहुँचकर कंस को हाथी के मरने की सूचना देता है। कंस परेशान होता है। अब कृष्ण वध की योजना का दारोमदार उसके शक्तिशाली पहलवानों पर टिक जाता है। नन्दराय कंस के सम्मुख पहुँचते हैं। कंस उन्हें आसन देता है। इसके पश्चात कृष्ण और बलराम भी वहाँ पहुँचते हैं। उन्होंने अपने काँधों पर मारे गये हाथी के दांत उखाड़कर यूँ धारण कर रखे हैं, मानो यह उनके अस्त्र हों। रंगशाला में उपस्थित सभी नर नारी श्रीकृष्ण को देखकर आनन्द मिश्रित अचम्भे में पड़ते हैं। जिसके जिसके मन में जैसी भावना है, उन्हें प्रभु की सूरत वैसी ही दिखायी पड़ती है। योद्धाओं को कृष्ण वीर रूप में दिखायी पड़ते हैं तो युवतियों को कामदेव के रूप में। वात्सल्य से भरी माताओं को कृष्ण के बालरूप के दर्शन होते हैं तो कंस को कृष्ण में यमराज नजर आता है। कृष्ण और कंस को आमने सामने देखकर तीनों लोकों में अकुलाहट फैलती है। श्रीकृष्ण कंस को चिढ़ाने के लिये कहते हैं कि मुझे राजकीय मर्यादा का ज्ञान है कि किसी राजा से भेंट करते समय उसके समक्ष उपहार प्रस्तुत किये जाते हैं। इसलिये मैंने मार्ग में एक पागल हाथी को मारकर उसके दन्त उखाड़ लिये थे और इन्हें भेंटस्वरूप आपके लिये लेकर आये हैं। कृष्ण की बातों से कंस को क्रोध तो बहुत आता है किन्तु दिखावा करते हुए वह कृष्ण की वीरता की प्रशंसा करता है। वह कहता है कि कृष्ण इन चार पहलवानों में से किसी एक को चुनकर उसके साथ मल्लयुद्ध करें ताकि समस्त नागरिकों और अतिथि राजाओें के सामने उन्हें अपनी वीरता प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हो। इस पर कृष्ण पहलवानों को मल्लयुद्ध के नियम बताते हुए कहते हैं कि मल्लयुद्ध दो बराबरी के पहलवानों में होता है और हमारे शरीर आप पहलवानों की तुलना में बहुत छोटे हैं। कृष्ण की कूटनीति काम कर जाती है। मथुरा की जनता कंस के इस अन्यायपूर्ण मुकाबले के विरोध में आवाज उठाने लगती है। अक्रूर भी विरोध का स्वर मुखर करते हैं। तब कंस कुटिल चाल खेलते हुए कहता है कि जिस कृष्ण ने बकासुर जैसे दैत्य को मार डाला, अपनी एक उगँली पर पर्वत उठा लिया हो, उस कृष्ण को बालक कहना उनकी वीरता का अपमान करना है। इसलिये मल्लयुद्ध का यह मुकाबला उचित है। कंस को रोकने के लिये अक्रूर और उनके विश्वस्त अपनी तलवारें म्यानों से बाहर निकाल लेते हैं। कृष्ण उन्हें शान्त करके खिंची हुई तलवारें म्यानों में वापस डलवा देते हैं और मल्लयुद्ध की चुनौती को स्वीकार कर लेते हैं। सबसे पहले मुष्ठक पहलवान आता है। कृष्ण कुछ ही देर में उसे धरा पर गिराकर मार देते हैं। दूसरे पहलवान का अन्त बलराम के हाथों होता है। यह दृश्य देखकर कंस भयभीत होता है।
Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव
Cast / पात्र
Sarvadaman D. Banerjee
सर्वदमन डी. बनर्जी
Swapnil Joshi
स्वप्निल जोशी
Ashok Kumar
अशोक कुमार बालकृष्णन
Deepak Deulkar
दीपक डेओलकर
Sanjeev Sharma
संजीव शर्मा
Pinky Parikh
पिंकी पारिख
Reshma Modi
रेशमा मोदी
Shweta Rastogi
श्वेता रस्तोगी
Paulomi Mukherjee
पौलोमी मुखर्जी
Sunil Pandey
सुनील पांडेय
Damini Kanwal
दामिनी कँवल
Sulakshana Khatri
सूलक्षणा खत्री
Shahnawaz Pradhan
शाहनवाज़ प्रधान
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