Ramanand Sagar's Vikram Aur Betaal Episode 12 - Bhaagavatee aur usakee betee dhanavatee kee kahaanee
बेताल को विक्रम फिर से पकड़ता है और ले चलता है बेताल फिर से उसे एक कहानी सुनता है जिसमें एक विधवा औरत भागवती और उसकी बेटी अपने दुर्भाग्य के कारण एक नगर से दूसरे नगर में भटक रही थी। दोनों माँ बेटी एक नगर में रात होने पर रुक जाती है तो वहीं एक सिपाही एक चोर को पकड़ कर सुबह होने का इंतज़ार कर रहा था ताकि उसे राजा के सामने पेश कर सके। दोनों माँ बेटी सिपाही के पास जाती है और उस से पीने के लिए पानी माँगती हैं तो सिपाही उसे एक मटके से पानी लेने के लिए कह देता है। वह चोर भी भागवती से पानी पिलाने के लिए कहता है। भागवती पानी लाती है और अपनी बेटी को पिलाती है। धनवती चोर को पानी पिलाती है तो चोर भागवती से कहता है की तुम्हारी बेटी कुँवारी है इसकी शादी मुझसे कर दो तो भागवती उसे धमका देती है। राजा का सिपाही चोर को कहता है की तुझे कल फाँसी होने वाली है और तुझे शादी करने की पड़ी है तो चोर कहता है की वो शादी सिलिए करना चाहता है ताकि उसे मारने से पहले कोई पानी पिलाने वाला तो हो ताकि उसे मुक्ति मिल सके। सिपाही उसे चुप करा देता है और पानी पीने के लिए चला जाता है वह चोर सिपाही के जाते ही भागवती से कहता है की वो अपनी बेटी की शादी उस से करा दे तो वह अपनी सारी सम्पत्ति और छुपाए हुए धन का पता उसे बता देगा और वो अपना सारा जीवन आँचें से बिता पाएँगी।
भागवती कहती है की चल मैं तेरी बात मान लेती हूँ तो हमारा भाग्य तो संवर जाएगा लेकिन इसमें तेरा क्या फ़ायदा है तो वह कहता है की में धनवती का पति बं जाऊँगा तो उस से जो मेरा पुत्र होगा वो मेरे मारने के बाद मेरा पिंड दान कर देगा जिस से मैं प्रेत योनि में जाने से बच जाऊँगा। भागवती उसकी बात मान लेती है। वह चोर सिपाही के आने पर उसे दो सोने की मोहरे देता है और कहता है की सामने के घर में पंडित रहता है उसे बला लाए और उसका विवाह धनवती के साथ करा दे तो सैनिक उनकी बात मान लेता है। पंडित आकर दोनों की शादी करा देता है। चोर धनवती को को ख़ज़ाने के पता बता देता है और अगले दिन सुबह चोर को फाँसी दे दी जाती है। भागवती और धनमती सारा धन खोज लेते हैं और आमिर होकर जीवन बिताने लगते हैं। समय बीतने पर भागवती अपने बेटी की शादी के लिए रिश्ते खोजती है भागवती अपनी बेटी और उसके पति को अपने साथ रखना चाहती थी। भागवती को एक लड़का मिल जाता है तो वह दोनों की शादी भी कर देती है। लेकिन वह लड़का शादी के बाद पहली रात में ही सारा धन और उनकी दौलत चुरा कर भाग जाता है। दोनों माँ बेटी को दुःख होता है आऊर वो याद करती हैं की एक चोर ने उन्हें बसाया था और दूसरे ने लूट लिया। यह सदमा भानमती शान नहीं कर पाती और मर जाती है।
एक दिन वो एक नगर में भटक रहे थे की उन्हें एक राजकुमार दिखता है जिसे एक अजगर ने जकड़ा हुआ था धनमती का बेटा उसे बचाने की कोशिश करता है लेकिन राजकुमार नहीं बचा पाता। राजा वहाँ आकर यह सेब देख लेते हैं तो राजा उन माँ बेटे को अपने साथ राजमहल में ले जाता है और धनमती से उसके बेटे को गोद ले लेता है। धनमती के बेटे को शिक्षा दीक्षा दी जाती है और राजकुमार बना दिया जाता है। कुछ समय बाद राजा की तबियत खारब हो जाती है तो राजा धनमती के बेटे को बुलाता है और उसे कहता है की मेरे बाद तुम्हें इस राज्य का राजा बानकर इस राज्य की रक्षा करनी होगी यह कर राजा मर जाता है। धनमती का पुत्र राजा बन जाता है। धनमती अपने बेटे को कहती है की तुम्हें अपने पिता का पिंड दान करना होगा ताकि उन्हें शांति मिल सके। धनमती और उसका बेटा पिंड दान करने के लिए जाते हैं। अब बेताल विक्रम से पूछता है की अब मुझे ये बता की उस लड़के का पिता कौन है और वो किसका पिंड दान करेगा। विक्रम बेताल को बताता है की उस लड़के का असली पिता वह चोर है जिसने धनवती से विधि पूर्वक विवाह किया है। क्योंकि उस युवक ने धनवती से से विवाह लालच में किया था और राजा ने अपना कर्तव्य पूरा किया है इसलिए धनवती का बेटा चोर को ही पिता मानेगा और उसका ही पिंडदान करेगा। राजा विक्रम का उत्तर सुन कर बेताल फिर से उड़ जाता है और वापस अपने पेड़ पर जाकर लटक जाता है।
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विक्रम और बेताल एक भारतीय पौराणिक टेलीविजन श्रृंखला है जो 1985 में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुई। श्रृंखला में भारतीय पौराणिक कथाओं की कहानियां थीं।
कार्यक्रम की अवधारणा बेताल पचीसी पर आधारित थी, जिसे विक्रम-बेताल के नाम से भी जाना जाता है। 25 कहानियों का एक संग्रह जो वेताल (एक पिशाच) ने राजा विक्रम (महान राजा विक्रमादित्य) को सुनाई।
कलाकार :
अरुण गोविल
सज्जन
अरविंद त्रिवेदी
दीपिका चीख़ालिया
विजय अरोड़ा
रमेश भटकर
मूलराज राजदा
रजनीबाला
सुनील लाहिरी
लिलिपुट
रामा विज
सतीश कौल
सूरजीत मोहनत्य
समीर राजदा"
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Vikram Aur Betaal is an Indian mythology television series that aired on DD National in 1985 & re-telecast in 1988 after the hit Series Ramayan. The series contained stories from Indian mythology. The concept of the program was based on Baital Pachisi, which is also known as Vikram-Betaal (a collection of 25 tales which is narrated by Vetala to Vikram). It is about the legendary king Vikram (identified as Vikramāditya) and the ghost Betaal (identified as Vetala,[1] a spirit analogous to a vampire in western literature). The show aired at 4:30 PM Indian Standard Time on Sundays from 1985 to 1986.
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Негізгі бет Ойын-сауық रामानंद सागर कृत विक्रम और बेताल भाग 12 - भागवती और उसकी बेटी धनवती की कहानी
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