श्री मद भगवद् गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को बताये गये 15 उपदेश
1. बहुत ज्यादा गहरा सम्बंध किसी से मत बनाओ सुखी रहना है तो ज़्यादा लगाव छोड़ना ही पड़ेगा
2. उस चीज को बार बार सोचना छोड़ दो जो आपकी शांति को भंग करती है
3. लोगों की नजर में उनकी जिंदगी में अपनी वैल्यू ढूँढना छोड़ दे
4. रोज दिन में खुद से एक बार ज़रूर पूछे कि मैं अपनी ज़िन्दगी में जो कुछ भी लोगों के लिए कर क्यूँ कर रहा हूँ। क्या वो सब करके हमें खुशी मिल रही है या दुख मिल रहा है।
5. किसी को भी अपने बारे में सब कुछ नहीं बताना चाहिए।
6. बदले की आग में कभी ख़ुद को नहीं जलाना चाहिए।
7 किसी के भी आगे ये prove करने की कोशिश मत करो की आप कुछ हो
8. जिस चीज़ से आप जितना डरोगे वो चीज आपकी ज़िन्दगी में ज़रूर होगी। आपका डर negativity को आपकी ज़िन्दगी में अट्रैक्ट करता है।
9. प्यार और इज्ज़त किसी को उतनी ही दो जितना वो उसे हजम कर सके जब आप किसी को हद से ज़्यादा अहमियत देते हैं तो वो आपको बहुत हल्के में लेने लगते हैं।
10. भटकते हुए मन के साथ आप ज़िन्दगी में कभी कुछ नहीं कर पाओगे ज़िन्दगी में अगर कुछ करना है तो मन का ठहराव बहुत ज़रूरी है।
11. ख़ुद को खुश रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। दुनिया को खुश करने की कोशिश करोगे तो ना ही कभी दुनिया आपसे खुश होगी और ना ही आप खुश रह पाएंगे।
12. दुनिया के लोगों से उम्मीद कभी मत लगाना, यहाँ ईश्वर और आपके सिवा कोई आपका साथ नहीं देने वाला
13. भविश्य को चिंता करना छोड़ दो क्यूँकी आने वाले कल को आप कभी कंट्रोल नहीं कर सकते। भविश्य की योजनाए और चिंताए आपके आज का सुख छीन लेती है।
14. कुछ रास्तों पर आपको अकेले ही चलना पड़ेगा। हमेशा अगर भीड़ के साथ चलोगे तो भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाओगे अगर अपनी पहचान बनानी है तो मंजिल भी आपकी होनी चाहिए और रास्ता भी आपका होना चाहिए भीड़ का नहीं।
15. दुनिया में कभी किसी से प्रेम मत माँगना
Негізгі бет श्रीमद भगवद् गीता ज्ञान 15 शिक्षाएं 20 मिनट में BHAGWAD GEETA SAAR SHRI KRISHNA VAANI गीता सार
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