करे भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
श्लोक - सदा भवानी दाहिनी,
सनमुख रहे गणेश,
पाँच देव रक्षा करे,
ब्रम्हा विष्णु महेश।
करे भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
सोने का लोटा गंगाजल पानी,
माई दोई बिरियाँ,
अतर चढ़े दो दो सिसिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
लाये लदन वन से फुलवारी,
माई दोई बिरियाँ,
हार बनाये चुन चुन कलिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
पान सुपारी मैया ध्वजा नारियल,
दोई बिरियाँ,
धुप कपूर चढ़े चुनिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
लाल वरण सिंगार करे,
माई दोई बिरियाँ,
मेवा खीर सजी थरिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
पांच भगत मिल जस तोरे गावे,
माई दोई बिरियाँ,
काटो विपत की भई जरिया,
माई दोई बिरियाँ,
करे भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद,
बाल्मीक विज्ञानी विशारद,
शुक सनकादि शेष अरु सारद,
बरनी पवन सुत कीरति निकी,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
गावत संतन शम्भु भवानी,
अरु घट सम्भव मुनि विज्ञानी,
व्यास आदि कवि बर्ज बखानी,
काग भूसुंडि गरुड़ के हि की,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
चारों वेद पुराण अष्टदस,
छओ शास्त्र सब ग्रंथन को रस,
तन मन धन संतन को सर्बस,
सार अंश सम्मत सब ही की,
आरती श्री रामायण जी कीं,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
कलिमल हरनि विषय रस फीकी,
सुभग सिंगार मुक्ती जुबती की,
हरनि रोग भव भूरी अमी की,
तात मात सब विधि तुलसी की,
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
आरती श्री रामायण जी की,
कीरत कलित ललित सिय पिय की।।
Негізгі бет श्री रामायण आरती /करे भगत हो आरती माई / एकता मानस बालिका सिन्हा परिवार कांकेतरा छः सगी बहनो द्वारा
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