राष्ट्रपती के अभिभाषण के प्रस्ताव पर राज्यसभा मे हुई चर्चा मे माननीय सांसद डॉ. फौजिया खानजी सहभाग लिया। इस चुनाव में देश मे स्पष्ट संदेश मिला है। जनता संविधान से खिलवाड नहीं होने देगी, सरकार की मार्जिनल मेजॉरिटी ने दिखाया की देश के कमजोर, पिछडे, महिला, दलित, अल्पसंख्याक का देश बहोत बडा हिस्सा हम भी है। इससे सरकार को अकांउंटेबल रहने की अपेक्षा दिखलाता है।
ना मार्केटिंग, ना सपने, ना गारेंटी अबकी बार दिखाये सपने करने ही होंगे साकार। अब सरकार को एक सशक्त रोडमॅप देना होगा। पिछले दस साल निश्चित रूप से इस सरकार की कही उपलब्धिया रही है जो हमे हर जगह हर दिशा पे दिख रही है। मीडिया मे होर्डिंग पर, पेट्रोल पंप पर, चाय पे चर्चा मे , मन की बात मे, Vaccination के सर्टिफिकेट पर, गरीबों के अनाज के पॅकेट पर, चंद्रयान पर हर जगाह दिख रही है। उपलब्धीयों का गुणगान होना ही चाहिये पर प्रकृती का नियम है कि Nothing is ever perfect और यह inperfection ही है ऐसा फौजियाजी ने कहा।
जो हमे परफेक्शन की तरफ लेकर जाते है परंतू इसके लिये हमे अपने inperfection दिखने तो चाहिये। मुझे लगता है सरकार के पास कुछ ऐसी दवा होगी जिसे स्वयं की विफलता, दुसरो की पीडा, दुसरो का दर्द सब अदृश्य हो जाता है। इनको केवल स्वयं की उपलब्धिया ही नजर आती है। महंगाई, बेरोजगारी ,किसानो की बढती आत्महत्या, नदी मे तैरती हुई लाशे सब अदृश, रेल्वे अपघात के पीछे छुपी negligence सब अदृश्य, रोड मे krack वॉटर लिकेजेस सब अदृश्य, अब से एयरपोर्ट की छते गिर रही है। उसके पिछे छुपा भ्रष्टाचार अदृश्य, देश की महिलाओ की पीडा अदृश्य सर महाराष्ट्र की पीडा अदृश्य ऐसे अनेक मुद्दों को उन्होने सभागृह के सामने रखा।
सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के उसुलो से, खुशबू आ नहीं सकती कभी कागज के फुलो से यह बात रखकर उन्होंने आपने वाणी को विराम दिया।
Негізгі бет राष्ट्रपती के अभिभाषण के प्रस्ताव पर राज्यसभा मे हुई चर्चा मे मा. सांसद डॉ. फौजिया खानजी सहभाग लिया।
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