बहुत सुंदर सर।हिंदुस्तानी शैली में इसे कोमल धैवत दुर्गा कहते हैं। ग्वालियर घराने के पं राजाभाऊ कोगजे जी ने इसमें एक छोटे ख्याल की रचना की थी जो यूट्यूब में उपलब्ध है।इसका लिंक शेयर कर रहा हूँ। kzitem.info/news/bejne/2ZmbzYRpnoGilXosi=JdPEElqMjBpv1bcO
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