Source: @SaintRampalJiMaharaj Barwala Satsang 12 to 14 Aug 2011, Part 10th.
गरीब, शरणा पुरुष कबीर का, सब संतन की ओट।
गरीबदास रक्षा करैं, कबहु न लागै चोट।।
सरलार्थ: परमेश्वर कबीर जी की शरण में रहने वाले तथा सब संतों से सद्-व्यवहार करने वाले की परमात्मा रक्षा करते हैं। फिर उस सेवक भक्त को कर्म की चोट (मार) नहीं लगती। सब संतन की ओट का भावार्थ है, परमेश्वर ने कहा है कि:
गरीब, संत दुखाए मैं दुखी, मेरा आपा (आत्मा) भी दुखी होय।
गरीबदास जुलाहा कहै, मेरा संत ना दुखाईयो कोय।।
यदि साधक परमात्मा के भक्तों (सन्तों) से व्यवहार अच्छा नहीं करेगा तो उनकी आत्मा दुखी होती है। संत दुखी तो परमात्मा दुखी, संत सुखी तो परमात्मा सुखी। जिस कारण सन्तों को ओट (रक्षा का साधन=आड़) बनी रहती है। सन्तों को सुखी रखने से परमात्मा रक्षा करता है। संत भी रक्षा के कारण हुए।
#santrampalji #kabirisgod #gyanganga #kabir #satguru #satlokashram #trueknowledge #truestory #kabirvani #kabirwani #ram #kabiramritwani #santrampaljimaharaj #kumbh #ayodhya #parmatma #ishwar #kabira #parmatma #india #peace #ishwar #god #jagatguru #supreme
Негізгі бет Raksha Bandhan | रक्षा बंधन | Kabir Gyan | राखी | Rakhi | भक्ति मर्यादा | True Saviour Kabir Sahib |
Пікірлер: 1