राजस्थान विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की 'ठाकुर का कुआं' कविता का उल्लेख किया। चौधरी ने इस कविता के माध्यम से भेदभाव के दर्द को बजट में दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "हमारा क्या है, हमारा कुछ नहीं है, सब कुछ ठाकुर का है।"
बीजेपी विधायकों ने हरीश चौधरी पर जातिवाद फैलाने और एक वर्ग को आहत करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सभापति से इस टिप्पणी को कार्यवाही से निकालने की मांग की और कहा, "हम सब एक हैं, आहत करने वाली टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।"
इस वीडियो में देखिए विधानसभा में इस मुद्दे पर हुई पूरी बहस और हंगामा।
शिव के विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने कहा रिफाइनरी कौन खा गया। ऐसा ही बयान अमृतलाल मीणा ने दिया। वे सलूम्बर से विधायक हैं। विधानसभा में एकबारगी गतिरोध खड़ा हुआ। संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने भी कहा कि इस को कार्यवाही से निकाला जाए। क्यों ही हरीश चौधरी ने जातीय टिप्पणी विधानसभा में की। रविन्द्रसिंह भाटी का विरोध, अशोक गहलोत की फोन टैपिंग वाले विवाद और कांग्रेस में अब नए सिपहसालार का चयन समेत तमाम बिंदुओं को इस मामले में कैसे देखा जा रहा हैं। प्रदीप बीदावत का विश्लेषण...।
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Негізгі бет Ravindra Bhati vs harish choudhary | बुरा कौन? ठाकुर या कुआं | हरीश चौधरी | रविन्द्रसिंह भाटी
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