जब मुगलों ने मिर्ची डाली , पावन हल्दीघाटी में,
अग्निपुष्प तब हुआ पल्लवित , कुंभलगढ़ की माटी में..
जो महाराणा कुल का गौरव , स्वाभिमान का पोषक था,
मुगलों से जो खुली जंग का , एक मात्र उद्धघोषक था...
अकबर का अट्टाहस रोका , साहस के बलबूते से ,
समझौतों को ठोकर मारी , जिसने अपने जूते से...
इस्लामी गिद्धों के हर दम , पंख कतरने वाला था ,
एक वार से दुश्मन के , दो टुकड़े करने वाला था....
जिसका बल पौरुष दुनिया में , अव्वल और निराला था ,
कवच किलो इक्यासी का था , और बहत्तर भाला था...
चेतक पर सवार होकर जब , युद्धक्षेत्र में आता था ,
बाबर की औलादों का , कच्छा गीला हो जाता था....
आठ फुटा महाराणा से कद , अपना नापा करते थे ,
देख सामने अकबर के भी , गुर्दे काँपा करते थे...
घास चपाती खाने वाला , खुद खुद्दार कहानी था ,
मेवाड़ी पानी के आगे , अकबर पानी पानी था....
रजपूती गाथा के तन पर , स्वाभिमान का जेवर था ,
मरते दम तक नही झुका वो , सूर्यवंश का तेवर था...
जीत हार की बात न करिये , संघर्षों का ध्यान करो ,
कथा पीढ़ियों को दिखलाओ , निज कुल पर अभिमान करो...
गिरा जहाँ पर खून वहां का , पत्थर-पत्थर जिन्दा है ,
जिस्म नहीं है मगर नाम का , अक्षर-अक्षर ज़िंदा है...
जीवन में यह अमर कहानी , अक्षर-अक्षर गढ़ लेना ,
शौर्य कभी सो जाए तो , राणा प्रताप को पढ़ लेना...
भारत माता की जय
Please Subscribe & share
.
.
.
Instagram
instagram.com/...
Facebook
/ thikanarajputana01
Twitter
twitter.com/th...
Thank you❤
Негізгі бет शोर्य कभी सो जाए तो राणा प्रताप को पड़ लेना | Maharana Pratap jayanti | Thikana Rajputana
Пікірлер: 512