भगवान श्रीमद् आदि शंकाराचार्य ने आत्मोपलब्धि के चार साधन बतलाए जिन्हें साधन चतुष्टय कहा जाता है। वे हैं नित्य अनित्य वस्तु , वैराग, षड संपत्ति और मुमुक्षा। जिज्ञासुओं के समक्ष आचार्य श्री सत्येंद्र कुमार द्वारा मनभावन प्रवचन के माध्यम से उन चार साधनों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। यह वीडियो उस श्रृंखला की दूसरी कड़ी है। हरि ॐ तत् सत्!
इस श्रृंखला की पहली वीडियो का लिंक:
• साधन चतुष्टय।। भाग-१ ।...
🟤 हमारा अगला ध्यान शिविर:
#संवेदना, दिनांक 17 मार्च से 21 मार्च 2024
छपरा (बिहार)। भाग लेने के लिए संपर्क करें:
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Негізгі бет साधन चतुष्टय भाग २ ।। विवेक, वैराग्य, षड संपत्ति, मुमुक्षा। । संपर्क करें +91-9097129214
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