डॉ. धीरेन्द्र वर्मा द्वारा सम्पादित तथा सूरदास द्वारा रचित 'सूरसागर सार' में संकलित 'विनय तथा भक्ति' खण्ड के उपखण्ड अविद्या माया, गुरु महिमा,नाम महिमा से से उद्धृत है। विनय तथा भक्ति के पदों में कवि ने भगवान की दयालुता, उदारता तथा भक्तवत्सलता आदि अनेकों गुणों का वर्णन किया है।
• सूरदास (M.A.)
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Негізгі бет सूरसागर-सार 'विनय तथा भक्ति'/ Surdas/Soosagar -Sar
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