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दुर्गा जी की कितनी बहन है?
माता सात बहन हैं- ऋणिका, घृर्णिका, महला, मंगला, शीतला, सेठला और दुर्गा......शीतला माता सबसे बड़ी हैं!
नवरात्री में नौं दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौं स्वरुपों का पूजन करते हैं।
प्रथम दिन मां शैलपुत्री, द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी, तृतीय मां चंद्रघंटा, चतुर्थ कूष्माण्डा, पंचम स्कंद माता, षष्टम मां कात्यायनी, सप्तम मां कालरात्रि, अष्टम मां महागौरी, नवम मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है।
1)शैल पुत्री - हिमालय पुत्री ( पार्वती , दुर्गा )
2) ब्रह्मचारिणी - शांति रुप ।
3) चंद्रघण्टा - रौद्र रुप ।
4) कूष्माण्डा - खुशी का रुप ।
5) स्कंदमाता - आग की देवी ।
6) कात्यायनी - कात्यायन रुप ।
7) कालरात्रि - मां काली का रुप ( भयंकर ) ।
8) महागौरी - पवित्र स्वरुप ।
9) सिद्धदात्री - ज्ञान रुप ।
दुर्गा पूजा को माँ दुर्गा द्वारा दुष्ट राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्ति की खुशी में मनाया जाता है, इसलिए माँ को दुर्गतनाशिनी (भक्तों के संरक्षक) के रूप में पूजा जाता है। बंगाल, असम और ओडिशा में पूजा को पूजो के रूप में प्रख्यातित है।
महालया से उत्सव प्रारंभ होता है, इस दिन से मूर्तियों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाता है। परंतु वास्तविक पूजो महा षष्ठी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी के रूप में परिभाषित की गयी है। दशहरे के दिन माँ दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा का समापन हो जाता है।
पश्चिमी बंगाल की दुर्गा पूजा को 15 दिसंबर 2021 को UNSCO में मानवता द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में सम्मिलित किया गया है। दुर्गा पूजा की यह विशेषता इस पर्व के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरवान्वित का विषय है।
Негізгі бет Ойын-сауық सातों बहिनिया के रथ तैयार नवरातर में (पूरा गाना)/ पचरा / भजन / देवी गीत / MAA DURGA KA BHAJAN
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