जो हनुमान जी जैसे वीर को वर देकर अष्ट चिरंजीवी कर दें उन माता सीता का परित्याग कैसे हो सकता है। जिनमें इतनी शक्ति है वो निश्चित ही कष्ट के लिए संसार में नहीं आईं। वाल्मीकी रामायण युद्धकांड पर ही समाप्त होती है और इस सर्ग को विधिवत तरीके से महात्म्य के रूप में दर्शाया गया है। जो लोग रामायण नहीं पढ़ते वो इस पर विवाद करते हैं। ऐसे लोगों को समझाने के लिए एक छोटी सी बात।
- Күн бұрын
सीता परित्याग के झूठ को वाल्मीकी रामायण से ही समझिए। अष्ट सिद्धि और नौ निधि की दाता मां सीता।
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