#गायक - मुन्नी साकेत एवं साथी रामपुर
#गीत - सजनई (वियोग श्रृंगार)
जउने दिना आयें हमरउ सजनबा सुख नही पेट समाय
सुख नही पेट समाय सुख नहीं पेट समाय
सुख मा नयना डूबिगें जस अमरित के धार
आबा आबा सजन कबउ न आबा जा
कबउ न आबा साजन कबउ न आबा ज
खड़े खड़े दिन बीते बीते अठारह मास..
Негізгі бет सजनई गीत || वियोग श्रृंगार का इससे सुंदर गीत कोई नहीं || SAJNAI GEET || NARENDRA SINGH
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