Featuring:
King Salhesh || Raja Salhes || Salhesh Fulwari
(1) Presentation: I Love Mithila
(2) Media Partner: ILOVEMITHILA.COM
(3) Music Partner: Music Maithili
(4) Script Credits
Source: Dhirendra Premarshi & Hira Lal Karn
Edit: Vidyanand Bedardi & Narayan Madhushala
(5) Video Credits
Edit: Gajendra Gajur
Footage: Narayan Madhushala
Photos Collection: Social Media, Google
Salhesh Image : Artist Sandeep Kumar Kapari & Courtesy: Ram Bharos Kapari Bhramar
(6) Audio Credits
Voice: Vidyanand Bedardi
Voice Edit: Gajendra Gajur
(7) Background Music Credits
Epidemic
(8) Song Credits
Jay Dharti Par : Dhirendra Premarshi, Rupa Jha & Ramesh Mahato
Kahan Gelai Surma Salhesh : Gurudev Kamat & Kalikant Jha Trishit
(9) Poster Design
Narayan Madhushala
Description:
१) परिचय :
राजा सलहेस - मिथिला, मधेश आ सौसे देशक गौरवशाली इतिहास पुरुष रहल छथि । जकरा समाजक सभ वर्ग, जाति, समुदायद्वारा समान श्रद्धा आ निष्ठाक सङ्ग भव्यतापूर्वक पूजा आ सम्मान प्रकट कएल जाइत अछि ।
नेपालीय मिथिलाक सिरहा जिल्लाक मुख्य व्यापारिक केन्द्र लहान बजारक शहिद रमेश चौकसँ तीन किलोमिटर पश्चिम दिस आ पूर्वपश्चिम राजमार्गके दक्षिण कातमे अवस्थित अछि सलहेस फुलबारि । जत राजा सलहेस आ कुशमा मालिनके प्रेम गाथाक स्वरूप फूल फूलाइत अछि ।
संस्कृति, पर्यटन तथा नागरिक उड्डयन मन्त्रालयक सार्वजनिक कएल सौ (१००) टा नवका पर्यटकीय गन्तव्य सभक सूचीमे सलहेस फूलबारी सेहो पड़ल अछि ।
फुलबारि घुमबाक लेल नेपालक सुनसरी, मोरङ, सप्तरी, सिरहा, धनुषा आ महोत्तरी आ भारतक पटना, विहार, वंगाल आ दिल्लीसँ भारी सँख्यामे श्रद्धालु भक्तजन आएल करैत अछि ।
२) सलहेसक कार्यकाल आ सलहेसके किए मानल जाइत अछि लोकनायक ?
तत्कालिन समयमे रौतहटमे लोरीक, धनुषा-महोत्तरीमे कारीक, सिरहामे सलहेस, सप्तरीमे दिनाभद्री आ मोरङ्गमे दुलरा दयाल सिंह, आदिक गतिविधि चर्चित छल । आमलोकक दुख-दर्द (गोहारि) सूनि ओकर समाधान करैत छलथि । तइ दुआरे एकरा सभक नाम कोनो वैदिक ग्रन्थमे वैदिक उच्चारणसँ देवताक रुपमे उल्लेख नइ होइतो जन-जन मिथिलाक लोकनायकके रुपमे चिन्हैत छल आ सलहेसके अपन रक्षक आ दुःखक सहयात्री मानि देवताक रुपमे पुजैत आबि रहल छल ।
३) किंवदंती : सलेहश के छल त ?
राजा सलहेस मिथिलाक विभूति छथि, जकर नामसँ जन-जन सुपरिचित अछि । सलहेस मूलतः पराक्रम, पौरख आ प्रेमक लेल चिन्हल जाइत छथि । सलहेसक वास्तविक नाम जयवद्र्धन छल । सलहेस उपाधि पेने छलनि । शैलेश सँ अपभ्रंश होइत सलहेस भेल अछि । शैलेश अर्थात् पर्वतके राजा ।
सलहेस गाथाक पहिल संकलक जर्ज अम्ब्राहम ग्रियसनके मानल जाइत अछि । जे जर्मनी भाषामे १९बी शताब्दीमे एकरा प्रकाशित कएने छलनि ।
मिथिलामे एकटा कहबी अछि जे जतेक मुह ततेक गाथा । ग्रियसनक हिसाबे सलहेसक जन्म सिरहाक महिसोथामे दुसाध सामुदायक एकटा साधारण परिवारमे भेल छल । सलहेस तीन भाइ छलाह- सलहेस, मोतीराम आ बुधेश्वर आ एक बहिन छल, जकर नाम वन शपती छल । वन शपतीक विवाह करजनहाके शैनी पासवान जरे भेल छल । शैनी बुध धर्ममे लागिक तिवत चलि गेल । बादमे सलहेस बहिन वन शपती आ भैगना करिकनहाके अपने संगे राख लगल ।
सलहेसक जन्म गौचर आ कृषि युगक बीचमे रहल अनुसन्धानकर्ता सभ बतबैत छथि । सलहेस मिलनसार बाइनके छलथि । मिलनसार बाइने कारण लोक त लोक, जंगली जानवरसभ सेहो सलहेसमे मिलल घुलल रहै छल । अखनो मिथिलाञ्चलके वन-जंगलमे कोनो बातक डर लगलापर, लोक मनेमन सलहेसकेँ सुमिरै छथि आ डर भागबाक अनुभवसभ सेहो सुनबै छथि ।
सलहेस न्यायप्रेमी छलाह । जनताक उपर कोनो दुख पिड़ा परला पर अग्रभुमिका निर्वाह करि, समस्याके सामाधान करैत छलाह । अहिके ल क सलहेस सबके मन-पसनदिदा चेहरा बनि गेल छलथि ।
सलहेस पहिले पकरियागढके कुल्हेश्वर राजाक चौकीदार छल । राजा कुल्हेश्वर चारिटा बेटी कुसमा, हेमा, दौना आ हिरा छलीह । तहियाक तत्कालीन मालिन सम्प्रदायमे दिक्षित भेल छल कुल्हेश्वरक चारु बेटी कुसमा, हेमा, दौना आ हिरा आ सलहेस ।
सिलहट अखाड़ामे कुस्ती खेल, भोरमे मानिकदहमे नहा, फूलबारिमे फूल लोढि, अपन जन्मस्थल महिसोथामे कुल देवीके पूजा करैत छलाह आ तकरबाद अपन कर्म क्षेत्र पकरियागढ आबि अपन बफादारीक प्रमाण सब दैत रहैत छलाह राजा सलहेस । सलहेस गाथामे एक ठाम कहल गेल अछि -
खन खन रहै बैलका पहाड़मे
खन रहै सरर वागमे
मानिकदहमे स्नान करै
मांगै मलिनियाँ के खातिर
गढ़ पकरियामे मैयाके सुमिरै
सलहेस बड चतुर छलाह । दुश्मनसँ सेहो निक सम्बन्ध स्थापित करमे माहिर छलाह । अहिसँ खुश होइत राजा कुल्हेश्वर सलहेसके राजाके पदवी देने छलनि आ जनता सेहो सलहेसके राजाक रुपमे स्वीकार क लेने छल ।
कुल्हेश्वरक चारु बेटी सलहेसके बहुत प्रेम करैत छलीह । ओ सब फूलबारिमे जाके भेट करैत छलीह । सलहेशक विवाह पहिनइ सीमावर्ती भारतक मधुवनी जिला अन्तर्गत बरुवार, बलाठपुर निवासी बलाठक बेटी सामैर सँग भ गेल रहैत अछि, जइ कारणसँ सलहेस आ कुसमाक प्रेम अधुरा रहि जाइत अछि । कुसमा सलहेसके कहैत अछि -
हम सब वर्ष अहाँके प्रतिक्षामे ओहि फूलबारिक हारमके गाछमे फूलाएब (प्रकट हएब), जत हम सब भेटैत छली । ओही दिनसँ सलहेशक प्रतिक्षामे प्रत्येक वर्ष माला आकारके फूल बनि कुसमा मालिन प्रकट होइत अछि से मिथिला क्षेत्रमे किम्वदन्ती रहल अछि । अहि विषयमे सुप्रसिद्ध साहित्यकार धीरेन्द्र प्रेमर्षि अपन एकटा गीतमे लिखैत छथि-
जइ धरतीपर प्रेम फूलै छै कुशमा आओर सलहेसके
गीत गबै छी हे हौ बगडÞिया सएह तिरहुतिया देशके
जे आइ लोक गीत सन जनकण्ठमे बसि गेल अछि आ अइ प्रसंगके पुष्टि करैत अछि ।
४) निष्कर्ष :
सलहेसक जीवनीसँ अइ बातक एथेष्ट जनाकारी आ प्रेरणा लएल जा सकैय जे कोना एकटा सामान्य परिवार जनमल व्यक्ति अपन जनप्रीय स्वाभाव, बल, बुद्धि आ क्षमताक कारणे जन-जनके बिच पसरि जाइत छथि आ राजा धरि कहा जाइत छथि ।
Негізгі бет Salhes Phulwari || King Salhes || Maithili Documentary Video
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