शानदार बातचीत। अच्छे सवालों के बेबाक अंदाज में ज़वाब। दिनेश जी से यही उम्मीद थी।
@drhemantpalghritlahare3678
2 күн бұрын
आदरणीय गुरुवर स्वयं में महाकाव्य हैं, आपको सुनकर ऐसा लगता है कि इसी काया में मोक्ष की तरफ एक कदम उठने लगा है। खजुराहो के बजाय कविता में संवेदना के पयोधर जीवनानुभव रोमांचित और प्रकंपित कर गए। जो सहृदय इसे न सुन पाएं वे तो इतिहास के अभागे कहलाएंगे। अंजुम जी का सधा हुआ चुलबुला अंदाज मजेदार है। बहुत शानदार। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 🎉❤🌹🙏
@hiteshsinghsainthwar3304
4 сағат бұрын
बेहतरीन बातचीत सार्थक संवाद
@mukeshnirvikar9340
6 сағат бұрын
बहुत अच्छा साक्षात्कार अंजुम जी!!!आप दोनों को बधाई!!
@suryanathpandey5543
Күн бұрын
धन्यवाद अंजुम जी ... ऐसा लगा कि ये रिकॉर्डिंग की बातचीत नही है जैसे किसी ने चुपके से रिकॉर्ड कर लिया हो... बेबाकी सवाल का बेबाकी अंदाज़ में ज़वाब गुरू जी ऐसी ही वाकपटुता है... काश! महसूस करा पता की आपसे मिलते ही बदलती है मेरी दुनिया आपके साथ ही मिलता है मोक्ष इसी काया में । बहुत सुन्दर प्रस्तुति...प्रणाम गुरुवर
@mauryakamlesh2016
2 күн бұрын
गुरुदेव के तारीफ में नि:शब्द हूं,आपको जितना सुना जाए कम है।श्री गुरु को शत् शत् नमन।
@urmilashukl8582
6 сағат бұрын
साहित्य और समाज पर बहुत अच्छी बातचीत. आप दोनों को बहुत बधाई. दिनेश कुशवाह जी से हमारा साहित्य के आलावा पारिवारिक और शिक्षकीय संबंध भी रहा है. ' इसी काया में मोक्ष 'की समीक्षा भी अक्षर पर्व के लिए लिखी थी 😊
@Dr.DinaNathMaurya
2 күн бұрын
वाह ❤ बहुत बेहतरीन बातचीत
@NaveenChandPatel
12 сағат бұрын
बहुत दिनों बाद आदरणीय सर को सुनने का अवसर मिला,मनुष्य अगर अपनी मनुष्यता बचा ले जाए तो इससे बड़ा कुछ और नहीं हो सकता है।
@chittranjanmishra3752
Күн бұрын
दिनेश जी ने बहुत खुलकर अंजुम के सवालों का जवाब दिया है। ऐसा लगता है कि अंजुम जी भी मुग्ध श्रोता बनकर रह गए हैं।प्रिय कवि कुशवाह की पूरी बातचीत एक लंबी अनवरत कविता की तरह चलती रही, बिना किसी विचलन के। वैसे भी दिनेश जी की कविता अपने समकालीनों से अलग मिजाज और तेवर की हैं। उनके यहाँ लोक, परंपरा, मिथक, समाजवादी सवाल, समाज की जड़ता, पूंजीवाद का वर्चस्व और सर्वग्रासी रूप सब बहुत साफ संप्रेषित होने वाली भाषा में आता है। यह पूरी बातचीत साहित्य की समझ को भी विकसित करने वाली है। अंजुम जी की सफलता है कि उन्होंने कुछ दबी छिपी बातें भी निकलवा ली है। रीवा नरेश और अंजुम जी को बहुत बहुत बधाई।
@kamleshkumarprajapati5687
2 күн бұрын
अतिसुंदर, सहज, सरस और स्वाभाविक साक्षात्कार..... आदरणीय गुरु जी को सादर चरणस्पर्श.....
@mahendrakumarmaurya3961
8 сағат бұрын
आदरणीय मोक्ष मुक्त गुरु जी को प्रणाम! आपने मोक्ष के मुहावरे को अनोखी दृष्टि से परिभाषित कर खुद को मोक्ष मुक्त करते हुए भारतीय मोक्ष की अवधारणा ही बदल दी,साथ ही इतिहास में अभागे उन आत्माओं को जो परमात्माओं के जाल में फंसी थी उनको भी जिस दृष्टि से आपने मुक्त किया है ऐसा अभी तक किसी ने नहीं किया है। आपको सुनकर सोचता हूं कि - हमें नहीं चाहिए काव्य, खंडकाव्य या कि महाकाव्य नहीं चाहिए शास्त्र,पुराण और वेद बल्कि चाहिए कविता: रोटी, कपड़ा, मकान की प्रेम और आनंद की नहीं चाहिए दर्शन, रहस्य और परमात्मा चाहिए तो बस इसी काया की आत्मा। शेष फिर...
@OneofTheSapiens333
10 сағат бұрын
मुझे लगता था कि क्या मुझे ही अश्रद्धा है इन सब चीजों में, लेकिन बड़े - बड़े तर्कशील लोगों को पढ़-सुनकर लगा कि नहीं ऐसा सोचना सामान्य है , पागल होना नहीं। कमाल का साक्षात्कार।
@kingloving
11 сағат бұрын
सुंदर आदरणीय जी
@Tanubanwasi90
2 күн бұрын
आदरणीय गुरु देव जी के चरणों में सादर प्रणाम 🙏🙏🙏
@pritamsinghsamrat98
Күн бұрын
बहुत शानदार इंटरव्यू,दिनेश कुशवाह जी को सुनकर लगा कि आज के समय में ऐसा हिंदी कवि,लेखक नहीं है।सुनने में लगता है कितना आनंद और सारगर्भित है❤❤❤❤ अंजुम शर्मा जी को भी बहुत बहुत धन्यवाद की आपकी वजह से हम इन्हें अच्छे से सुन पाए।
@akirahaider7617
Күн бұрын
एक pure heart ज़िंदादिल साहित्यकार को सुनने का मौक़ा मिला. अंजुम सर का विशेष आभार !
@Lokhitshikasha
13 сағат бұрын
Love you sir ji
@drushakumari
2 күн бұрын
शानदार और दिलचस्प साक्षात्कार...!श्री दिनेश भाई को बहुत बहुत बधाई..! 💐हिन्दवी और अंजुम शर्मा धन्यवाद के पात्र हैं।❤️
@sandhyaverma6427
2 күн бұрын
हमारा सौभाग्य है की हम लोगो को गुरू जी का सानिध्य प्राप्त हुआ है
@aloksrivastava7658
10 сағат бұрын
दिनेश भाई से तेईस वर्ष पूर्व मुंबई में मुलाकात हुई थी। मुंबई विद्यापीठ के एक कमरे में तीन दिन साथ ठहरे थे। खूब बातें हुई थीं। फिर महाराष्ट्र की विधानसभा में खड़े होकर हमें कविता सुनाई थी और बोध हुआ कि लिखी के बजाय सुनी कविता का विरेचन अकथनीय होता है। आज सब यादें दुहरा गईं। वही सरलता,वही गहराई,वही स्पष्टता... मज़ा आ गया। भाई को सादर नमन (हालांकि अंजुम की शैली अच्छी नहीं लगी।)
@अवधेशप्रतापसिंह-संदल
Күн бұрын
सादर प्रणाम गुरु जी । ये हमारा सौभाग्य है कि आपका सानिध्य और आशीर्वाद हमें प्राप्त है। संगत में आपको सुनना एक सुखद अनुभव है। बिना बनावटी बातों के साक्षात्कार में भी वही सहजता दिखी, जो विभाग में आपसे प्रत्यक्ष मिलकर अनुभव होती है। संगत का नियमित श्रोता हूँ। मात्र इसके लिए ही यूट्यूब का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ले रखा है,ताकि बिना विज्ञापन के सुन सकूँ। हिन्दवी और अंजुम जी की साहित्य के क्षेत्र में यह पहल अद्भुत है। बहुत-बहुत धन्यवाद।
@ruchikumari7395
13 сағат бұрын
शानदार और सराहनीय साक्षात्कार...! सकारात्मक विचारों की अभिव्यक्ति ❤
@sharli-ug5vd
Күн бұрын
हमारा सौभाग्य है कि आपका सानिध्य हम लोगों को प्राप्त हुआ! गुरुदेव को सादर प्रणाम 🙏 रमाशंकर यादव शाहगंज, जौनपुर
@ashokseth2426
2 күн бұрын
सच्चे अध्यापक को हमेशा अपने छात्रों से प्रेम होता है।दिनेश जी सफल शिक्षक हैं।
@kunalbharti8349
12 сағат бұрын
कुछ नई कविताओं से साक्षात्कार कवि महोदय को बधाई
@gangadhardhoke6258
Күн бұрын
बहुत बहुत आभार अंजुम जी । आपकी संगत के माध्यम से हमारे मार्गदर्शक, प्रेरणादायक डॉ दिनेश कुशवाह जी के व्यक्तित्व, कृतित्व और रचना प्रक्रिया, प्राध्यापकीय दायित्व के अनसुने पहलुओं को सुनने, समझने और गुनने का अवसर मिला ।
@VijayrajAzad
7 сағат бұрын
Guruji adbhut vyaktitva k maalik hai, shandar aur jabarjast interview, hai , bahut bahut badhai sir , sadar pranam!
@KirdaarZindaHai
2 күн бұрын
बहुत सहजता से महत्वपूर्ण तथ्य और विचार…आप के बनने से परिचित होने के अवसर.बहुत बहुत बधाई 😊
@dr.virendrakumarsingh9646
2 күн бұрын
अति सुन्दर! डॉ० दिनेश जी को सुनना बहुत ही प्रीतिकर लगता है। सौम्यता और बौद्धिकता का संयोग होने से जो चित्र उभरकर सामने आता है वह निश्चय ही डॉ० दिनेश कुशवाह जी हैं। उनके कविता संग्रह 'इसी काया में मोक्ष ' और 'इतिहास में अभागे ' की कई कविताएं मैने पढ़ी हैं कई तो मुझे कंठस्थ भी हैं। लाज़वाब शिक्षण शैली के धनी डॉक्टर दिनेश जी को पढ़ना, सुनना , जानना बहुत ही सुखद एवं प्रीतिकर लगता है। कोटिश बधाई गुरुदेव 🙏
@monikakushwaha774
2 күн бұрын
इस साक्षात्कार से आपके जीवन के इतने सारे अनछुए पहलुओं से रूबरू होने का अवसर मिला 🙏🏼🙏🏼
@MridulaSingh-n1h
2 күн бұрын
सर, आप वाकई अध्यापक हैं। आपकी क्लास बहुत समृद्ध होती है।
@g-education-shravan4061
2 күн бұрын
दीनानाथ की दुनिया में , वाह सर,आप शब्दो को गहराई प्रदान कर दिया, विश्वगुरु को प्रणाम
@Anupam0307
Күн бұрын
प्रणाम गुरूदेव 👏 आपका संगत में साक्षात्कार देखकर बहुत अच्छा लगा, बहुत दिनों बाद आपको देखकर और सुनकर ऐसा आभास हुआ, जैसे आपको सामने से देख और सुन रहा हूं|
@anandbahadur7354
Күн бұрын
सुनकर मन प्रफुल्लित हो उठा। दिनेश जी को सुनना एक अविस्मरणीय अनुभव है।
@DrSantLalMauryaHindiTech
2 күн бұрын
गुरुश्रेष्ठ के श्रीचरणों में प्रणिपातपूर्वक नमन 🙏🙏
@PublicHealthand.Poetry
Күн бұрын
दिनेश जी से बहुत अच्छी गुफ्तगू हुई।अंजुम जी, दिनेश और संगत चैनल का धन्यवाद। डाक्टर मोहन बेगोवाल
@advancesahitya835
21 сағат бұрын
गुरूदेव को सुन कर बहुत अच्छा लगा 🙏
@ankitkr.maurya7426
Күн бұрын
वाह! सरस और प्रवाहयुक्त बातचीत!!❤❤
@shreesandeepji
2 күн бұрын
धन्य हो गये 🙏🙏🙏 अनेकों धन्यवाद
@vivekanandsingh9060
Күн бұрын
बहुत शानदार बातचीत, सुनकर आनंद आया।
@netjrfjagaran4148
Күн бұрын
गुरुजी बहुत अच्छा, आपकी कविताएं सुनने पढ़ने पर काया से मोक्ष मिल जाती है।❤❤❤❤
@zebaalavi6803
Күн бұрын
Kya baat hai... Sundar Kavita👍🏽👍🏽👍🏽
@aashu2695
2 күн бұрын
बहुत बढ़िया आदरणीय मामा श्री। आपको सुनते हुए बहुत अच्छा लगता है। बहुत संघर्ष किया है आपने 👍
@Ycrakesh
2 күн бұрын
मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे आपके सानिध्य में रहने का अवसर प्राप्त हो रहा है....🙏🏻
@g-education-shravan4061
2 күн бұрын
गुरुदेव को प्रणाम
@unknownperson2327
Күн бұрын
खूबसूरत साक्षात्कार..❤
@ketanyadav7887
Күн бұрын
बहुत रुचिकर ❤ बहुत शानदार संगत
@Avinash_verma1
2 күн бұрын
मैं सौभाग्यशैली हूँ कि आपके सानिध्य में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में शोधार्थी हूँ,और हमेशा आपका मार्गदर्शन मिलता रहता है👏
@dr.virendrakumarsingh9646
2 күн бұрын
ठीक आपके जैसी ही मुझमे भी अटूट श्रद्धा अपने गुरु के प्रति है। तस्मै श्री गुरुवे नमः!
@ajeyklg
2 күн бұрын
बहुत बढ़िया। मज़ा आ गया। एक दम कवि जैसा कवि।
@lalitaasthana2968
2 күн бұрын
One of the brilliant, humanitarian and conscious craftsman. His work is famous for his amours and rebellion against orthodox society.
@khidki1196
2 күн бұрын
अब तक का सबसे अलग और सबसे शानदार साक्षात्कार!
@upanandyadav2532
2 күн бұрын
अरसे बाद संगत का कार्यक्रम देखा। बहुत अच्छा लगा।🌼🌼
@arunkumarverma9733
2 күн бұрын
बहुत सारगर्भित साक्षात्कार,यथार्थ से जुड़ा हुआ।
@arvindpal4215
Күн бұрын
अच्छा interview है
@neenaandotra1886
Күн бұрын
बहुत बढ़िया ।
@Educational_Learner
2 күн бұрын
आदरणीय सर को सादर प्रणाम🙏🙏❤❤
@ashayadav450
2 күн бұрын
बहुत ही बढ़िया बातचीत आपदोनों को बहुत बधाई🙏🙏🌺🌺 परस्पर सार्थक संवाद पर कुछ लिखूँ उसके पहले भाई साहब को विनम्र प्रणति! कवि प्रो.दिनेश कुशवाह की कविताओं का बहुविध व बहुआयामी समाजशास्त्र इस संवाद के माध्यम से अपनी परत-दर-परत तहों को इतने हौले से और इतनी सहजता से अनावृत्त करता चला गया कि न जाने कब कितने ही विश्रुत और बहुश्रुत मिथकों,परम्पराओं, भारत की संस्कृतियों तथा नाना मानवीय रिश्तों की तासीरों के गवाक्ष सहज और विलक्षण रूप से खुलते चले गये और हम उसमें डूबते चले गए पता भी न चला। बहुत ही सुन्दर बातचीत जितनी तारीफ़ की जाय कम होगी।अंजुम जी को भी बहुत साधुवाद इस बातचीत को निरंतर रोचक व प्रवाहमय बनाए रखने के लिये। 🙏
@madanmohansingh4067
2 күн бұрын
गुरु देव जी के चरणों में सादर प्रणाम🙏💕🙏💕
@anilrai7375
Күн бұрын
❤
@TEJSINGH
Күн бұрын
दिनेश जी अति उत्तम🎉❤
@sarlasingh3517
2 күн бұрын
धन्यवाद ❤🎉🎉
@madanmohansingh4067
2 күн бұрын
सादर प्रणाम गुरु देव जी के चरणों में
@prof.b.k.manglam1363
Күн бұрын
मन गदगद हो गया।बहुत सारे समकालीन कवियों को 'संगत' में सुना है लेकिन दिनेश कुशवाह की बेबाक टिप्पणी इस लंबे साक्षात्कार में अत्यंत रूचिकर लगी और पता ही नहीं चला कि समय कब समाप्त हो गया।अंजुम जी की साहित्यिक आवाज ने भी प्रभावित किया।कवि की यह स्वीकारोक्ति कि कई कविताओं को लिखने में तो मुझे पाँच से दस वर्ष तक लगे;आश्वस्तिदायक है कि कविता साहित्य की सबसे गूढ़ और सघनतम विधा है।कवि ने खजुराहो पर कविता लिखने से पहले संपूर्ण संस्कृत वाड़्मय का विशद अध्ययन किया और कई-कई विजीट के बाद ड्राफ्टिंग, स्केचिंग,मेजरिंग और कलरिंग के बाद उस कविता को लिखा; अपने आपमें एक सुखद अनुभूति है तभी तो स्त्री के वक्ष को पयोधर कहते हुए इस रचनाकार ने सांस्कृतिक स्खलन से पूरी कविता को बचाते हुए आँखों में रंग भर दिया।दुखद तब लगा जब इस कवि को बार-बार ओबीसी कवि कहकर स्थापित करने की क्षुद्र कोशिश की जा रही थी।तब तो आचार्य शुक्ल, आचार्य द्विवेदी,डाॅ.राम विलास शर्मा, डाॅ.विश्वनाथ त्रिपाठी,डाॅ नामवर सिंह आदि आलोचकों के साहित्य को " सवर्ण साहित्य " कहना समीचीन और प्रासंगिक होगा? रचनाकार देश, काल, परिस्थितियों से परे होता है।दिनेश कुशवाह समकालीन कविता के आज की तारीख में पूरे हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि वैश्विक हिन्दी पट्टी में एक सशक्त हस्ताक्षर हैं जिन्हें किसी जाति, वर्ण, धर्म, विचार, दर्शन एवं वाद में समेटना आधुनिक हिन्दी कविता के प्रति अन्याय होगा।बहुत शानदार साक्षात्कार। - प्रो.विनोद कुमार मंगलम् , पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
@rplectures7132
2 күн бұрын
अद्भुत परिचर्चा..सादर प्रणाम सर 🙏
@saumyamishra8440
2 күн бұрын
बहुत सुंदर और सार्थक संवाद 🙏🌸
@ashokdilliwalashow
Күн бұрын
लाजवाब
@madanacharya8066
2 күн бұрын
बहुत सार्थक बातचीत।
@Geeta-vs1lo
2 күн бұрын
Pranam sir 🙏 adbhut vaachan
@gopaltiwari8052
2 күн бұрын
बहुत ही ज्ञानवर्धक
@drdkpatel9201
2 күн бұрын
बहुत सहज और स्वाभाविक साक्षात्कार
@SantoshKumar-gj5hd
2 күн бұрын
Very nice gurudev sadar pranaam 🙏🙏
@sunilprasadyadav1057
2 күн бұрын
बहुत शानदार साक्षातकार
@radheshyamsharma2026
2 күн бұрын
Adbhut Adbhut.
@anildevkushwaha8128
Күн бұрын
Apko sunkar bahut achchha lagta hai.
@dr.awadheshkumar8915
2 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर ।।
@vikramadityasingh7566
2 күн бұрын
बहुत उम्दा 💐❣️
@pradipvishwakarma8633
2 күн бұрын
प्रणाम गुरुदेव
@babMaurya82
2 күн бұрын
Great sir
@pt.saurabhkumarsharma1224
2 күн бұрын
गुरुदेव सादर प्रणाम.. 🙏❤️🙏
@Educational_Learner
2 күн бұрын
बहुत बढ़िया रहा🙏🙏
@maneetayadav6393
2 күн бұрын
शानदार व्याख्यान
@bahadursinghparmar3181
2 күн бұрын
बहुत उम्दा साक्षात्कार
@imtiyaj9935
2 күн бұрын
बहुत शानदार 🎉🎉🎉
@lalitaasthana2968
2 күн бұрын
My favourite poet.
@rameshkumar06
2 күн бұрын
शानदार, sir
@kittuandthekittens3906
2 күн бұрын
अद्भुद गुरुदेव
@The_CheGuevara
Күн бұрын
मैं भी देवरिया से सुन रहा हूँ ❤
@manishkumarkushwaha
Күн бұрын
ज्ञान- संवेदन युक्त सम्मोहनकारी!
@ashokseth2426
2 күн бұрын
खूबसूरत कविताओं के रचयिता दिनेश कुशवाहा
@simmipotter1400
2 күн бұрын
Bhut hi sundar sir sadgi or tej se bhara
@sarlasingh3517
2 күн бұрын
वाह वाह सर 😊
@जीवनजगत
2 күн бұрын
बहुत अच्छा साक्षात कार है
@TEJSINGH
Күн бұрын
मनुष्य और मनुष्यता बची रहनी चाहिए। खास तौर पर आज के वाता वरन में
@TEJSINGH
Күн бұрын
कबीर साहेब जैसा कोई कैसे सोच सकता है उसके लिए तो आत्म शाक्षत् कार प्राप्त करना अति आवश्यक है। यह आत्मिक संबंध ह। अभी भी वक्त है व्यक्तित्व और निखर जायेगा। तेज बली सिंह
@RoshaniPal-zb6wy
2 күн бұрын
सुन्दर
@neenaandotra1886
Күн бұрын
वाह वाह अद्भुत अद्भुत 😅
@yo_york3290
2 күн бұрын
❤❤
@sang_asang
2 күн бұрын
अच्छा साक्षात्कार है लेकिन दलित अधिकारी के हाथ नें मार्क्स की जगह बाबा साहेब के विचारों को देना चाहिए था, दलितों के लिए वही चेतना है।
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