पंचममूल जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज द्वारा सभी सत्संगियो को नियमित रूप से रोज़ रात गाकर सोने की आज्ञा दी गयी है l
श्री गुरुदेव द्वारा दी गयी आज्ञा को पालन एवं साधना की दृस्टि से यह वीडियो आपके सामने प्रस्तुत है l श्री महाराजजी द्वारा दी गयी आज्ञा को आप इस वीडियो के अंतिम भाग में 20:51 मिनट पर सीधे भी सुन सकते है l
सखी ! इक सपनो देख्यों रात।
वंशीवट तट-तरणि-तनूजा, हौं इकली रही जात।
औचक लख्यों एक तहँ ढोटा, सुंदर श्यामलगात।
पियरो पट, कटि काछनि काछे, मोर मुकुट बल खात।
कर मुरली, गल-गुंजमाल भल, गति सों हंस लजात।
अति रसभरे नैन रतनारे, कजरारे मदमात।
कटि किंकिनि, पग पायल सोहति, मन मोहत मुसकात।
कहँ लौं कह सखि! रूप-माधुरी, कोटि काम सकुचात।
लखतहिं हौं सखि! भइ वश ताके, बड़ी बुरी यह बात।
यह 'कृपालु' कछु भेद अलौकिक, जग न होत अस नात।
भावार्थ
(श्री वृषभानुनंदिनी राधा जी का श्यामसुन्दर से प्रथम मिलन)
श्री राधिका जी अपनी किसी अन्तरंग सखी से कहती हैं कि हे सखी! आज रात में मैंने एक स्वप्न देखा है|
वह यह है कि मैं वंशीवट के किनारे अकेली जा रही थी|
जाते हुए ही अत्यन्त सुन्दर श्याम रंग का अचानक ही एक बालक देखा, जो पीताम्बर पहने हुए था, कमर में काछनी बाँधे हुए था एवं सिर पर झूमता हुआ मयूर-पंखों का मुकुट धारण किये हुए था|
हाथ में मुरली एवं गले में गुंजो की माला पहने हुए था तथा हंसों को भी लजाने वाली अत्यन्त मतवाली चाल से चल रहा था|
उसकी आँखें अत्यन्त ही मतवाली एवं प्रेम रस से भरी हुई थीं|
आँखों में स्वाभाविक ही काजल-सा लगा हुआ था|
कमर में करधनी एवं पैरों में नुपुर सुशोभित हो रहे थे एवं मुस्कुराते हुए हठात् मन को मुग्ध कर रहा था|
अरी सखी ! उसके रूप माधुर्य का कहाँ तक वर्णन करूँ करोड़ो कामदेव भी फीके लगते थे||
अरी सखी ! उसके देखते ही मैं उसके वश में हो गई किन्तु यह अत्यन्त ही बुरी बात है|
'श्री कृपालु जी' कहते हैं कि यह कुछ लोकातीत रहस्य है क्योंकि संसार में किसी का किसी से प्रेम स्वप्नावस्था में नहीं हुआ करता|
युगल सरकार की जय!!!!
श्रीमद्सद्गुरु सरकार की जय !!!!!
connect with us at
facebook: / rgss108
Whatsapp Channel: "Kripalu Radhe" : 08770799212
Instagram: / sushree_dhameshwari_devi
twitter: twitter.com/DhameshwariDevi?s=08
Негізгі бет सपनो देख्यों रात ( रोज रात में गाकर सोये/Sing along Every Night) - Jagadguru Shri Kripaluji Maharaj
Пікірлер: 166