1सर्ण म राख पीता अपने म आखीर दास तारा हू ,
2परम म पिता औ मेरे समर्थ दाता ,
3 मेरे सतगुरु है दातार अरज कर तोड करू ,
4 भगती दान गुरु दीजिए देवन के देवा ,
5 गुरुआ विन नही रे वच अमल नीज नाम का जी
सतगुरु सन्तानन्द जी
महात्मा अथानन्द जी
सत्संग आश्रम निगाणा
आनन्द परमानन्द
सत्संग आश्रम
निगाणा भिवानी
मो न 9813263980
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