यह कैसी आजादी जहां पर एक सरकारी राशन के दुकानदार पूरे गांव वालों को कम राशन देते हैं। एक युवा जब कम राशन लेने से मना कर देता है तो उसे रस्सी से बांधकर मारा जाता है। उस युवक के ऊपर लूटपाट का केस कर जेल भिजवा दिया जाता है। उस युवा के लिए कुछ लोग आवाज उठाते हैं उनमें से भी 14 युवाओं के ऊपर FIR कर दिया जाता है। यह कैसा न्याय चंपारण ने देश को आजादी दिलाई और आज चंपारण के लोग कुछ दबंग लोगों की गुलामी कर रहे हैं।
बुद्धिजीवियों आपका यह मौन मुझे खल रहा है।
बिहार के पश्चिमी चंपारण के बकुलहर पंचायत की घटना।
Негізгі бет सरकारी राशन के दुकानदार का करतूत गांव में बड़ा विवाद का कारण बन गया- मनीष कश्यप
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