सत्ययुग
पूर्ण आयु - 17,28000
मनुष्य की आयु - १.००,०००
लम्बाई - ३२ फिट (लगभग) [ २१ हाथ ]
तीर्थ - पुष्कर
पाप - ० विश्वा
पुण्य - २० विश्वा
अवतार - मत्स्य, कूर्म, वाराह, नृसिंह ( सभी अमानवीय अवतार हुए )
कारण - शंखासुर का वध एंव वेदों का उद्धार, पृथ्वी का भार हरण, हरिण्याक्ष दैत्य का वध, हिरण्यकश्यपु का वध एवं प्रह्लाद को सुख देने के लिए।
मुद्रा - रत्नमय
पात्र - स्वर्ण का
त्रेतायुग
पूर्ण आयु - १२,९६,०००
मनुष्य की आयु - १०,०००
लम्बाई - २१ फिट (लगभग) [ १४ हाथ ]
तीर्थ - नैमिषारण्य
पाप - ५ विश्वा
पुण्य - १५ विश्वा
अवतार - वामन, परशुराम, राम (राजा दशरथ के घर)
कारण - बलि का उद्धार कर पाताल भेजा, मदान्ध क्षत्रियों का संहार, रावण-वध एवं देवों को बन्धनमुक्त करने के लिए।
मुद्रा - स्वर्ण
पात्र - चाँदी का
द्वापरयुग
पूर्ण आयु - ८.६४,०००
मनुष्य की आयु - १,०००
लम्बाई - ११ फिट (लगभग) [ ७ हाथ ]
तीर्थ - कुरुक्षेत्र
पाप - १०
पुण्य - १०
अवतार - कृष्ण, (देवकी के गर्भ से एंव नंद के घर पालन-पोषण), बलराम।
कारण - कंसादि दुष्टो का संहार एंव गोपों की भलाई, दैत्यो को मोहित करने के लिए।
मुद्रा - चाँदी
पात्र - ताम्र का
कलियुग
पूर्ण आयु - ४,३२,०००
मनुष्य की आयु - १००
लम्बाई - ५.५ फिट (लगभग) [२. हाथ]
तीर्थ - गंगा
पाप - १५
पुण्य - ५
अवतार - कल्कि (ब्राह्मण विष्णु यश के घर)।
कारण - मनुष्य जाति के उद्धार अधर्मियों का विनाश एंव धर्म कि रक्षा के लिए।
मुद्रा - लोहा
पात्र - मिट्टी का
चौरासी लाख योनियों की व्यवस्था
८४ लाख योनि व्यवस्था कुछ इस प्रकार है
जलचर जीव - ९ लाख
वृक्ष - २७ लाख
कीट (क्षुद्रजीव) - ११ लाख
पक्षी - १० लाख
जंगली पशु - २३ लाख
मनुष्य - ४ लाख
Негізгі бет सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग, क्या इतिहास इसे मानता है ?353 # बुद्ध के पहले का इतिहास
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