Shah Saqlain Sa Gamakhavaar Mujhe Kafi Hai By Mohammad Anas Saqlaini||
COPYRIGHT NOTICE:
All rights of the audio and video production is reserved for Mohammad Aans Saqlaini
You are not allowed to re-upload our video again on any platform,
if you will do this, we will surely claim a copyright for every upload.
You can only share this beautiful video
Awaaaz/Mohmmad Aans Saqlaini
Kalam/Shaaz Ramzi Sahab
Lyrics............................................
शाह सक़लैन सा ग़मख़्वार मुझे काफ़ी है
बस यही एक मददगार मुझे काफ़ी है
पीर की शक्ल में दिलदार मुझे काफ़ी है
मेरी मिल्लत का ये सरदार मुझे काफ़ी है
आप ख़ुद मुझमें समा जाएं ज़रूरी तो नहीं
आप का लम्स ही सरकार मुझे काफ़ी है
आसमानों की तमन्ना ही नहीं है मुझको
पीर की याद में इक ग़ार मुझे काफ़ी है
ख़ुल्द की याद मुझे इस लिए आती ही नहीं
शाह सक़लैन का गुलज़ार मुझे काफ़ी है
जिसको दौलत है मय्यसर वो मदीना देखे
पीरो मुर्शिद का ही दीदार मुझे काफ़ी है
बन्द पलकों में ही सरकार चले आते हैं
शौक़े दीदार है बेदार मुझे काफ़ी है
मनक़बत पीर की चहरे की ज़िया है मेरे
दोनों आलम में ये सिंगार मुझे काफ़ी है
वाइज़े वक़्त ये तक़रीर मुबारक हो तुझे
बस तसव्वुफ़ का ये दरबार मुझे काफ़ी है
कश्तिए शाज़ है टूटी तो कोई ग़म ही नहीं
आप के नाम की पतवार मुझे काफ़ी है
शाज़ रमज़ी मुम्बई इंडिया
Негізгі бет Shah Saqlain Sa Gamakhavaar Mujhe Kafi Hai Shah Saqlain Miya Huzoor By Mohammad Anas Saqlaini
Пікірлер: 18