IIश्री रामनाथ महाराज कि जै ll
"Shri Ramanath Ashtak" is one of the finest composition in Raag "Kedar", sung by Vid. Shankar Shanbhogue from the album "Shri Kuladevata Bhaktisudha"
Hope you like it and spread the word.
Loka Samastha Sukhino Bhavanthu.
Happy MahaShivratri to all of you.
Artists & Creative Team
Album: Shri Kuladevata BhaktiSudha
Music & Singing - Vid.Shri Shankar Shanbhogue
Raag : Kedar
Tabla - Praveen D Rao & Jagdish Kortikodi
Keyboard : Sangeeth Joseph
Rhythm Pad: Padmanabh Kamath
Sitar : Shruti Kamath
Flute: Rajesh KS
Pictures & Videos Courtesy:
Ashwin Bhat Ramnathi, Goa.
Vinaykumar, Mehul Raut (Sanatan Samstha, Ramnathi, Goa)
Editing - Arvind Bhat, Kota, Vivek Hegde Hitlalli
Recording - Prabhat Studio, Bangalore
Lyrics of this Ashtak:
रामनाथ नमोस्तुते जय सुन्दरांग नमोस्तुते ।
नीलकंठ नमोस्तुते जय रक्षमाम् शरणागतम्।।
कोटिसूर्य समानकान्ति सुशोभितानन मंडलम् ।
कंजलोचनमद्भुतम् सुरपुष्पहारमगोचरम् ।
क्षीरसागर मंथनोद्गत घोरविष संसेविनम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।१।।
दक्षयागविघातकम् शिवमीप्सितार्थ प्रदायिनम् ।
भस्मरागविभूषितम् नव बिल्वपत्र समर्चितम् ।
देवतासुरवन्दितांघ्रि सरोरुहम् परमेश्वरम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।२।।
नारदादिमुनींद्रगातिथ रम्यपुण्यकथानकम् ।
वेदगम्यमनामयम् गजवक्त्रषण्मुख मंडितम् ।
लोचनत्रयमुग्रतेज समुद्भवम् त्रिपुरान्तकम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।३।।
कृत्तिवाससमुत्तमम् घनसारगन्ध सुवाससम् ।
भक्तकष्ट निवारकम् वृषयानकम् नगनायकम् ।
सर्वमृत्यु भयापहम् दुरितापहम् भवतापहम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।४।।
रुंडमालिन मंधकांतकमाषुतोष मनिन्दितम् ।
मृत्युभीत मृकण्डु बालक पालकम् वरदायकम् ।
भानुवशंललाम राघव पूजितम् प्रमथादिपम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।५।।
शैलराज विहारिणम् कर शूल डमरुगधारिणं ।
शैलजाश्रित चारुवाम शरीरिणं सुमनोहरम् ।
शैलतुल्य सुकेशिनम् भवमष्टमूर्ति मनागसम् ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।६।।
राग भोग सुदूर भासुर नागहार जटाधर ।
कंबुकंधर चंद्रशेखर मारहर गंगाधर ।
वंदिताखिल लोकवैभव शर्व भैरव श्रीकर ।
रामनाथ विलोल तांडव नर्तनप्रिय रक्षमाम् ।।७।।
दुःखतर संसार सागर तारणैक सुखाश्रयम् ।
देव ते पद पंकजम् परमाश्रये करुणाम्बुधे ।
दोषपूरित मादराच्छृणु दोषहर जगदीश्वर ।
पुष्टिवर्धन तुष्टिवर्धन तावकम् परिपालय ।।८।।
श्रीनिवास तनूज कीर्तितमष्टकं तव तुष्टये ।
ये पठंति निरन्तरम् खलु प्राप्नुवन्ति मनोरथम् ।
त्वाम् विना मम नास्ति शंकर भूतले गतिरन्यथा ।
दीनवत्सल मांनविस्मर रामनाथ कृपाम् कुरु।।९।।
।। इति श्री रामनाथ अष्टकम् समाप्तम् ।।
#NadaVedaBrahma #Ramnathi #Shivashtakam #Rameshwar #ShriShanteriKamakshiRamnathLakshmiNarayanTempleKumta
#ShriKuladevataBhaktiSudha
#MahaShivratri
Негізгі бет Shri Ramnath Ashtak (Shivashtak)। श्रीरामनाथ अष्टक। Shri Kuladevata Bhaktisudha । Shankar Shanbhogue
Пікірлер: 48