प्रीतम बचपन से ही पढने में मेधावी थे और अन्य बच्चों से अलग सोच रखते थे. इन्होने I. Sc. की पढाई पूरी करने के बाद भागलपुर के मेडिकल कॉलेज से मूक-बधिरों के भाषा और स्पीच पैथोलोजी से डिप्लोमा करने के बाद सहरसा में सहायक वाणी चिकित्सक यानि लैंगुएज डॉक्टर के पद पर बहाली हुई. लेकिन तभी इनके पिता लकवा-ग्रस्त हो गये. पिता के देखभाल करने के लिए वे अक्सर अपने घर सबौर के फ़तेहपुर में आने लगे... इसी दौरान इनके चचेरे भाई ने कृषि विज्ञानं केंद्र सबौर से प्रशिक्षण लेकर छोटे स्तर पर मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया था. प्रीतम को मशरूम के प्रति उत्सुकता बढ़ी. एक दिन वे कृषि विज्ञान केंद्र सबौर पहुचे और इसके बारे में विस्तृत जानकारी ली. मशरूम उत्पादन के प्रति इनकी दीवानगी इस हद तक हो गयी की वे अपने नौकरी से त्याग देकर पूरी लगन से इस कार्य में जुट गए... अपने घर के बगल में ओएस्टर मशरूम उत्पादन के लिए झोपडी बनाया और कृषि विज्ञानं केंद्र सबौर के तकनिकी देखरेख में मशरूम उत्पादन शुरू कर दिया. तब से अक्सर केंद्र के वैज्ञानिक उनके मशरूम उत्पादन को देखने आ रहे हैं... प्रीतम ने अपनी सरकारी नौकरी को दाव लगाकर इस वयवसाय को चुना था. जरुर ही उनकी योजना बड़ी रही होगी... जी हाँ अब जो आप देखेंगे वह आपको दांतों तले ऊँगली दवाने पर मजबूर कर देगा... प्रीतम ने पार्टनरशिप में बटन मशरूम उत्पादन शुरू किया. यह है पुरनिया के हरदा स्थित इनका बटन मशरूम उत्पादन केंद्र... बटन मशरूम आम लोगों के बिच काफी मशहूर है और महंगा भी बिकता है. इनके उत्पादन केंद्र से ही बटन मशरूम 200 रूपये किलो तक बिक जाता है. ओएस्टर और बटन मशरूम उत्पादन के अलावा इन्होने मशरूम बिज यानि स्पान उत्पादन भी कर रहे हैं. इन सबसे आगे बढ़कर वे अपने वयवसाय का बेहतरीन प्रबधन कर रहे हैं. प्रीतम अपने उत्पादित स्पान उनसे जुड़े अन्य किसानों को बेच देते हैं, पुनः उन किसानों से वे मशरूम वापस खरीद लेते हैं, वे अपने बिज से बटन और ओएस्टर मशरूम उत्पादन करते हैं, अपने द्वारा उत्पादित और अन्य उत्पादकों से ख़रीदे हुए मशरूम को थोक बिक्रेताओं को बेच देते हैं, बचे हुए मशरूम को सुखा कर और आचार बनाकर भी बेचते हैं... प्रीतम अपना स्टाल किसान मेले और प्रदर्शनियों में भी लगाते हैं.. विगत एक वर्ष में प्रीतम ने लगभग ४० क्विंटल मशरूम स्पान, १२ क्विंटल बटन मशरूम और ३ क्विंटल ओएस्टर मशरूम बेच चुके हैं, जिसमे कि उन्हें लगत दो ढाई लाख रूपये आई और आमदनी लगभग ४ से पांच लाख रूपये,. प्रीतम को पूर्ण रूप से इस वयवसाय से जुड़े हुए अभी तक लगभग एक वर्ष ही बीते हैं और आज वे मशरूम से खुशहाली पूर्वक अपने परिवार संग अच्छी जिन्दगी जी रहे हैं और माता पिता की सेवा भी कर रहे हैं.
Негізгі бет Success story of a Landless Farmer (मशरूम की खेती से मिशाल बने प्रीतम)
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