यह दिनांक29-4-23 को सुगणांबाई73वर्षिय पुत्री श्री धूंकलजी गोदारा सादूल ढाणी,चितलवाना की एच्छिक मांग करने पर तीसरी बार उनके पोत्र भजन की शादी पर भरा पांचों भाईयों ने भांत। ससूराल री धरती झोटड़ा मे। पांच भाई सुरजन,भाखर,मालजी,आशुजी, भारमल व बढाणी सुरतोजी व ऊदोजी एवं उनके सात गांवों के गोदारा कुटम्ब परिवार सहित गोदारां राणा रो आयो रे दड़िंदो ,"फरूखे-फरूखे डावै अंग री आंख ,हिलोरां ले हियो ऊमटै" बहुत ही शानदार अपनी संस्कृति रितिरिवाज के साथ बड़ा सुरीला सोंग अवश्य सुणे। इसी भांत मे दादाणी सियाकां व मामाणी माल परिवार ने भी भांत मे हाथ बंटाया।
- Жыл бұрын
*सुगणांबाई रो भांत* फरूखे डावी आंख (मायेरा गीत ) सादुल ढाणी से गोदारां राणा रो आयो दड़िंदो झोटड़ा मे।
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