स्वामीजी - ' वे चाहे मुझे ह्रदय से लगा लें या चरणों में लिपटे हुए मुझे पैरों तले रौंद डालें अथवा दर्शन न देकर मर्माहत ही करें ,मेरे तो वे ही प्राणनाथ हैं,दूसरा कोई नहीं '|
- Күн бұрын
स्वामी रामसुखदासजी महाराज - ' शरणागति का रहस्य '
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स्वामीजी - ' वे चाहे मुझे ह्रदय से लगा लें या चरणों में लिपटे हुए मुझे पैरों तले रौंद डालें अथवा दर्शन न देकर मर्माहत ही करें ,मेरे तो वे ही प्राणनाथ हैं,दूसरा कोई नहीं '|
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