तूरजी का झालरा बावड़ी - Toorji ka Jhalra Stepwell Jodhpur | Bhadu Brothers
#Toorjikajhalra
#Stepwell
#Jodhpur
#तूरजी_का_झालरा
#बावड़ी
Tnx for Watching 🙏🏻
मीठे पानी के झालरे का किस्सा
इतिहास के अनुसार जोधपुर के महाराजा अभयसिंह की महारानी तंवर तूर रानी ने सन 1740 में झालरा बनवाया था जिसके कारण उसका नाम तुरजी का झालरा पड़ा। झालरे के पानी का प्रयोग मुख्य रूप से महिलाएं ही करती थीं। क्योंकि पानी भर कर लाना और एकत्रित करना महिलााओं का ही काम था। यह झालरा दशकों से गहरे पानी में डूबा हुआ है। जीर्णोद्धार से 200 फीट गहरी बेमिसाल विरासत सामने आई है। यह जोधपुर का घाटू लाल पत्थर तराश कर बनाई गई है। इसमें आकर्षक नृत्य करते हाथियों की महीन लुभावनी नक्काशी, पानी के मध्यकालीन शेर और गाय मुख्य स्रोत नल हैं।
तूरजी का झालरा सहित 16 बावडिय़ों पर डाक टिकट
डाक विभाग ने देश की 16 प्राचीन बावडिय़ों पर डाक टिकट जारी किए हैं। इनमें राजस्थान की छह ऐतिहासिक बावडिय़ां शामिल हैं। डाक निदेशक कृष्णकुमार यादव ने बताया कि राजस्थान में जोधपुर के तूरजी का झालरा, जयपुर की पन्ना मियां की बावड़ी, आभानेरी की चांद बावड़ी, बूंदी की रानीजी की बावड़ी, नागर-सागर कुंड और अलवर की नीमराना बावड़ी पर डाक टिकट जारी किए गए हैं। इनमें से नीमराना बावड़ी व नागर सागर कुंड पर जारी डाक टिकट 15 रुपए के और शेष डाक टिकट 5 रुपए के हैं।
Негізгі бет तूरजी का झालरा बावड़ी - Toorji ka Jhalra Stepwell Jodhpur | Bhadu Brothers
Пікірлер: 22