राम लक्ष्मण और सीता के वनगमन पर बहुत पुराना भजन। "सुहागण हैली सुन्दरी"
"थे आज बसो म्हारे देश"
*गायक:* भारमल गोदारा
🎵 यह भजन "राम सीता और लक्ष्मण का वनवास" भारमल गोदारा द्वारा प्रस्तुत है, जो एक अत्यंत भावनात्मक अनुभव का वर्णन करता है। इसमें महिलाओं के भावों और विचारों का बयान है, जो राम, सीता और लक्ष्मण के वनवास में जाने के समय उनके मन में उठते हैं।
🌳 इस भजन में, महिलाओं द्वारा वनवास में जाने के कारण के संबंध में उनकी आस्था, आशा और आत्मविश्वास का विवरण है। इसके माध्यम से भारमल गोदारा ने राम, सीता और लक्ष्मण के प्रेम और उनके साथीयों के संग उन्हें वन में जाने के लिए प्रेरित करने वाली भावना को अद्वितीय ढंग से प्रस्तुत किया है।
🌿 इस भजन में महिलाओं के मन में उत्कंठा, संदेह, और आश्चर्य का वर्णन है, जब वे राम, सीता और लक्ष्मण का वनवास में जाना सुनती हैं।
💖 भारमल गोदारा के आदर्शवादी गायन और संगीत के साथ, यह भजन महिलाओं के मन में भावनाओं का संगीतीकरण करता है और उनकी आत्मिक यात्रा को गहराई से समझाता है।
इस अद्भुत भजन के साथ महिलाओं के भावनात्मक संघर्ष को समझें और उनके आत्मिक संघर्ष का सामना करें। धन्यवाद।
💖 इस भजन के माध्यम से भारमल गोदारा ने आत्मिक संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और सांस्कृतिक विरासत को गाने के माध्यम से आध्यात्मिकता का महत्व प्रस्तुत किया है।
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#भजन #राम_सीता_लक्ष्मण #भारमल_गोदारा #आध्यात्मिक_रामायण के पुराने भजन को एक आधुनिक संगीत के साथ आम श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया है।
Негізгі бет !!थे आज बसों नी म्हारे शहर!! सुहागन हैली सुंदरी!! suhagan heli sundri |
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