२०११ का वर्ल्ड कप जितने वाली हुज्मरे इंडियन टीम को नकली ट्रॉफी दी गयी हे - ये controversy पुरे देश के न्यूज़ चैनल्स पर छा गयी. और इससे शुरू हुवा झगड़ा ICC से लेकर BCCI से होता हुआ कस्टम्स डिपार्टमेंट तक जा पोहोचा।
बात इतनी बढ़ती गयी के दुनिया भर के गंभीर से लेकर बिशें सिंह बेदी जैसे बड़े नाम बीच में पड़ गए .
आज जनते हे इस स्कैंडल के पीछे के सच। इस कहानी का
ये बात है 2011 वर्ल्ड कप की
जब इंडिया वर्ल्ड कप जीता था
उनको जो ट्रॉफी दी गई थी
वो नकली थी
ये बात उनके जीतने के ठीक दूसरे दिन पता चली वो भी एक दिल्ली के लोकल न्यूज पेपर से
धीरे धीरे ये बात मेल today से टाइम्स ऑफ इंडिया तक पोहोच गई के
असली ट्रॉफी कस्टम्स वालों के पास हैं
मुंबई के कस्टम्स डेपरतएमेन्ट ने जप्त हुई पड़ी हे
Confirm होने के बाद ही इस चीज को national attention मिलने लगा
ये सनसनीख़ेज़ खबर चारो तरफ फैलती दिखी
धोका से लेकर अन्याय से लेकर भावनाओ के साथ हुआ खिलवाड़ सरे न्यूज़ चैनल इससे मिनट दर मिनट बड़ा करने लगे और जल्द ही
एक बड़ी कॉंट्रोवर्सी ( controversy ) में बदलती दिखी
ऊपर मीडिया, players और कॉममेंटटोरस ( commentators ) भी इस बात पे रीऐक्टोर करने लगे
अरुण लाल से लेकर फारुक इंजीनियर तक, बिशेन सिंघ बेदी से लेकर गौतम गंभीर तक
सभी इस बात पर सवाल उठाने लगे
भारत के कौने कौने में धरने और मार्च निकलने लगे
ICC ने फिर बयान दिया की जो ट्रॉफी इंडिया को दी गयी है वही official ट्रॉफी है
और जो custom में है वो ट्रॉफी सिर्फ promotions के लिए ही use की जाती है
कस्टम्स वालों ने 35% ड्यूटी भरने कहा
जो ट्रॉफी customs के पास थी वो कोलंबो से मुंबई आई थी - जहा उस्से श्री लंका वस new zealand के सेमी फिनल्स के लिए ले जाया गया था
और मैन ट्रॉफी मोहाली में थी इंडिया पाकिस्तान के match के लिए
और वो ट्रॉफी मुंबई से दुबई जाने वाली थी
icc के headquaters में
पर कप कोऑर्डनैटर धीरज मल्होत्रा के अनुसार
ये ट्रॉफी भारत में कई बार आ चुकी थी
तो इस बार हुआ क्या
जिसके proof में उन्होंने इस साल
जानवरी में शरद पवार और हारून लॉगहट उसी ट्रॉफी के साथ मुंबई के स्टॉक एक्सचेंज में आए थे
तभी ड्यूटी नहीं लगी थी
तो हुआ क्या ?
1 अप्रैल 2011 को
finals के एक दिन पहले
एम्मा वाइट और रिक्सन हैदर कोलंबो सए मुंबई आए
उनके सामन में ये ट्रॉफी थी
जिसे पर्पेचूअल ( perpetual ) ट्रॉफी का नाम दिया गया था
पर जो customs को दी गए list exemption लिस्ट में थी ही नहीं
ये लिस्ट वर्ल्ड कप शुरू होने के पहले दी गई थी
पूछताछ करने के बाद
Icc ने कस्टम्स को कहा की ये ट्रॉफी आपके पास ही रखो
वर्ल्ड कप खतम होने पर ये दोनों व्यक्ति वापस ले जायेगे
पर जैसी ही ये controversy शांत होते दिख रही थी तब अगले दिन के अकबर में खबर आयी
999, 2003, और 2007 में’
वर्ल्ड चैंपियंस ऑस्ट्रेलिया को सारे winners के नाम वाली ट्रॉफी दी गई
और जो धोनी को दी गई थी उसका बेस पूरी तरह ब्लेंक था
तभी आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी का बयान आया की
ये रिवाज हमेशा से रहा है
की प्रेज़न्टैशन के समय original ट्रॉफी दी जाए
और बाद होम ट्रॉफी
और कुछ समय बाद उससे वापस लेकर एक replica दिया जाएगा
original ट्रॉफी को वापस दुबई भेज दिया जाएगा
तो उसकी कोई कमर्शियल वैल्यू नहीं है
तो ड्यूटी का कोई सवाल ही नहीं उठता
पर evaluation के लिए भेजे जाने पर
पता चला की वो ट्रॉफी 11 किलो की सोने चांदी की बनी है
जिसकी कीमत उस समय 60 लाख की थी’
यानि कस्टम ड्यूटी 15 लाख की थी
लेकिन आईसीसी ने ड्यूटी देना से मना कर दिया
उसपे राजीव शुक्ला का बयान आया
याने मीडिया committee के हेड का बयान
की ये ट्रॉफी वानखेडे में होनी छाइए थी
एक ही organisation के दो लोग
अलग अलग बात कर रहे थे
याने दाल दाल और भी मैला होता जा रहा था
तो exactly हुआ क्या?
अब १९९९ तक
हर वर्ल्ड कप के लिए एक नई ट्रॉफी बनती थी
पर 1999
में जगमोहन डालमिया के icc presidency में
नया नियम बनाया गया
एक ही ट्रॉफी बनेगी जिसके बेस पर हर साल winners के नाम
गडे जाएंगे
पर 2003 में ऑस्ट्रेलिया अपनी ट्रॉफी जल्दी वापस नहीं करना चाहती थी
इसलिए
एक नया प्रोटोकॉल बनाया गया
की एक official ट्रॉफी के साथ एक होम ट्रॉफी भी दी जाएगी
होम ट्रॉफी winner अपने घर ले जा सकते थे
इसलिए 2011 में भी यही होना था
लेकिन फिर
2011 में बीसीसीआई एण्ड आईसीसी के बीच जंग छिड़ी हुई थी
Drs से लेकर scheduling तक
तो उनका डायरेक्ट communication का सवाल ही नहीं उठता
इसलिए जब दो अनजान लोग इतनी मेहेंगी ट्रॉफी लेकर जाने की कोशिश करे
तो customs डिपार्ट्मन्ट उनको पकड़ेगा ही
2023 के वर्ल्ड कप में भी ये ट्रॉफी पूरे भारत में घुमाई थी
लेकिन उससे किसीने रोका नहीं
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Негізгі бет Спорт The Repli-Fake Controversy - World Cup 2011 | जब भारत को नकली (Replica) Trophy थमाई गई - Cricket
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