#soul #आत्मा_क्या_है #आत्मा_और_शरीर_का_संबंध #osho oshohindi
#osho_soul
#ओशो आत्मा क्या है प्रवचन
ओशो प्रवचन के द्वारा आत्मा को गहराई से जाने
ओशो के वाणी द्वारा आत्मा को गहराई से समझे
आत्मा और शरीर में अंतर जाने ओशो का प्रवचन
ओशो ने बताया आत्मा और शेयर की गहराई
#meditation
आत्मा और शरीर के साथ संबंध क्या है? know the depth of the #soul
Facebook
www.facebook.c...
#know_the_depth_of_the_soul
#shallow_depth_of_field
,#how_we_measure_the_depth_of_the_
sea
#how_to_find ?_depth
of the sea,
measuring depth of the sea
,how to calculate the depth and width of a beam?,
#depth of field
,depth,what is depth of field,
plumb the depth
#plummet the depth
,depth of field photography
,how to tattoo at the right depth,
tire tread depth,tread depth
#,tattooing at the correct needle depth,
depth of beam
,how to find depth of beam
आत्मा और शरीर,आत्मा और शरीर से क्या सम्बन्ध है,आत्मा के साथ शरीर का क्या सम्बन्ध है,आत्मा और शरीर के साथ संबंध क्या है?,आत्मा और शरीर दोनों क्या है,आत्मा और शरीर में क्या अंतर है,आत्मा और शरीर में क्या संबंध है,आत्मा के बिना शरीर क्या है,शरीर के बिना आत्मा क्या है,क्या है 🤔🤔 आत्मा और शरीर का सम्बन्ध#geeta updesh,क्या आत्मा किसी और के शरीर में घुस सकती है?,क्या आत्मा और शरीर में,शरीर और आत्मा,क्या आत्मा और शरीर अलग अलग है?,शरीर और आत्मा को जाने
आत्मा और शरीर के संबंध को समझने के लिए हमें दोनों की प्रकृति को जानना आवश्यक है। ओशो के विचारों के अनुसार, आत्मा और शरीर दो अलग-अलग वास्तविकताएँ हैं, परंतु इनका आपस में गहरा संबंध है।
1. शरीर की प्रकृति:
शरीर एक भौतिक संरचना है, जिसे हम देख सकते हैं, छू सकते हैं और अनुभव कर सकते हैं। यह प्रकृति का हिस्सा है और प्राकृतिक नियमों के अधीन है। शरीर का जन्म होता है, यह बढ़ता है, और अंततः इसका नाश हो जाता है। यह पाँच तत्वों-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश-से बना है और इन्हीं में विलीन हो जाता है।
2. आत्मा की प्रकृति:
आत्मा शाश्वत है, अजर-अमर है। यह किसी भौतिक स्वरूप में नहीं होती, इसे केवल अनुभव किया जा सकता है। आत्मा अनंत चेतना का एक अंश है, जो सभी सीमाओं से परे है। यह शरीर में निवास करती है, परंतु शरीर की सीमाओं में बंधी नहीं है। आत्मा न जन्म लेती है और न ही इसका अंत होता है; यह सदैव एक समान रहती है।
3. आत्मा और शरीर का संबंध:
आत्मा और शरीर का संबंध बहुत ही सूक्ष्म और रहस्यमय है। आत्मा शरीर के माध्यम से जीवन का अनुभव करती है। शरीर आत्मा का वाहन है, जिससे आत्मा इस भौतिक संसार में कार्य कर सकती है। इसे एक सरल उदाहरण से समझ सकते हैं: जैसे एक व्यक्ति कार चलाता है, उसी प्रकार आत्मा शरीर को संचालित करती है। कार व्यक्ति के बिना निष्क्रिय है, वैसे ही शरीर आत्मा के बिना निर्जीव है।
आत्मा शरीर को संचालित करती है, लेकिन इस संसार में बंधी रहती है। जब तक हम अपने शरीर के साथ ही अपनी पहचान बनाए रखते हैं, तब तक हम अपने असली स्वरूप को नहीं पहचान पाते। ओशो के अनुसार, आत्मा का अनुभव करने के लिए हमें शरीर और मन से परे जाना होता है। ध्यान के माध्यम से हम इस संबंध को गहराई से समझ सकते हैं और आत्मा का वास्तविक अनुभव कर सकते हैं।
4. ध्यान और आत्म-ज्ञान:
ओशो कहते हैं कि आत्मा और शरीर के इस संबंध को समझने का सबसे सशक्त माध्यम ध्यान है। जब हम ध्यान में गहराई से उतरते हैं, तो हम शरीर और मन से परे जाकर आत्मा की शुद्ध चेतना का अनुभव कर सकते हैं। इस स्थिति में हम समझते हैं कि शरीर और आत्मा के बीच का संबंध केवल अनुभव के लिए है, न कि बंधन के लिए।
**संक्षेप में**, आत्मा और शरीर का संबंध इस प्रकार समझा जा सकता है कि शरीर आत्मा के लिए एक साधन है, एक माध्यम है, लेकिन आत्मा स्वयं शरीर से परे है। जब हम इस सत्य को अनुभव करते हैं, तो हमें जीवन की गहरी समझ प्राप्त होती है और हम अपने असली स्वरूप को पहचानने लगते हैं।
Негізгі бет आत्मा और शरीर के साथ संबंध क्या है? know the depth of
Пікірлер: 7