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वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 2 मई 2014, अद्वैत बोधस्थल नॉएडा
प्रसंग:
~ आचार्य प्रशांत संत कबीर पर
~ हर वक्त परमात्मा को कैसे याद रख सकते है?
~ जीवन में बेचैनी क्यूँ रहती है?
अधिक सनेही माछरी, दूजा अलप सनेह
जब ही जल ते बीछुरै, तब ही त्यागे देह
संगीत: मिलिंद दाते
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Негізгі бет तुमसे विलग जो होएंगे, प्राण उसी पल खोएंगे || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)
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