UP किसान रजिस्ट्री कब होगी | UP Kisan Card Kaise Banega Apply Online 2024 | Former Registry Kya Hai
UP किसान रजिस्ट्री शिविर में कैसे कराये | फार्मर कार्ड कैसे बनेगा | UP Kisan Card Apply Online 2024
UP फार्मर रजिस्ट्री शिविर में कैसे कराये | UP किसान कार्ड कैसे बनेगा | UP Kisan Card Kaise Banega 2024
प्रदेश में एक जुलाई से आधार की तर्ज पर बनेगा किसान कार्ड
31 जुलाई तक रजिस्ट्री के लिए हर गांव में लगेंगे शिविर
लखनऊ। प्रदेश में आधार की तर्ज पर ही किसान कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए एक जुलाई से पूरे प्रदेश में किसान रजिस्ट्री की शुरुआत की जा रही है। इसमें किसान का आधार नंबर, खेत का रकबा, खसरा नंबर आदि का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके बाद एक किसान नंबर जारी होगा। इस नंबर के ही संबंधित किसान का पूरा विवरण देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री का कार्य पूरा होने के बाद किसान कार्ड बनाया जाएगा।
रजिस्ट्री से मिलने वाले नंबर के जरिये ही दिसंबर से पीएम किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। कृषि विभाग का दावा है कि पूरे प्रदेश में एक साथ किसान रजिस्ट्री शुरू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। केंद्र सरकार की ओर से एग्रीस्टैक (कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा) विकसित करने की योजना के तहत किसान रजिस्ट्री शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से तैयार कराए गए मोबाइल एप पर प्रदेश के हर किसान का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा।
इसके लिए एक जुलाई से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर लगेंगे। इसमें दो कर्मचारी रहेंगे। ये गांव में रहकर संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, ईकेवाईसी विवरण आदि दर्ज करेंगे। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा आदि) होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा। इसमें किसान के हर गाटे में दो सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
किसान रजिस्ट्री की तैयारी पूरी
किसान कार्ड बनाने के लिए एक जुलाई से शुरू हो रही किसान रजिस्ट्री की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डीके सिंह ने बताया कि राज्य स्तर पर कृषि विभाग और राजस्व विभाग के छह छह अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। इसी तरह जिला स्तर पर भी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पहले चरण में एक से 31 जुलाई तक हर गांव में शिविर लगेगा, जहां दो कर्मचारी तैनात रहेंगे। वे किसान की भूमि, आधार आदि के जरिए पूरा विवरण मोबाइल एप पर अपलोड करेंगे। इसके लिए किसान की सहमति भी लेंगे। दूसरे चरण में एक अगस्त से इसे किसानों के लिए खोला जाएगा। किसान खुद मोबाइल एप के जरिये अथवा जन सुविधा केंद्र पर जाकर विवरण दर्ज करा सकेंगे। खुद से दर्ज कराने वालों का अलग से सत्यापन कराया जाएगा। पहले एक नंबर जनरेट होगा। इस नंबर के जरिए ही संबंधित किसान का पूरा विवरण देखा जा सकेगा। रजिस्ट्री का कार्य पूरा होने के बाद किसान कार्ड बनाया जाएगा।
विवादों का होगा निस्तारण
यदि किसी गांव में एक नाम के दो या तीन किसान हैं तो उन सभी के नाम और पिता का नाम दर्ज करते हुए उनका एक अलग से ऑनलाइन पोर्टल बना कर राज्य सरकार को उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद होने पर उस रिपोर्ट के जरिए निस्तारण किया जा सके। इसके अलावा अन्य विभागों के लिए तहसील, जिला और राज्य स्तर पर अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। यही कमेटी योजना के क्रियांवयन की जिम्मेदारी भी संभालेगी।
किसान रजिस्ट्री से किसानों को विभिन्न
ये होंगे फायदे
अभी किसान को किसी तरह का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकॉर्ड देना पड़ता है। किसान रजिस्ट्री होने से उनके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा। इससे किसान कल्याण की योजनाएं बनाने और उसने क्रियान्वयन में आसानी होगी। लाभार्थियों के सत्यापन, कृषि उत्पाद के विपणन और अन्य वित्तीय मामलों में भी सहूलियत होगी। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि का भुगतान भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षतिपूर्ति देने के लिए किसानों के चिह्नित करने में आसानी होगी।
Негізгі бет UP किसान रजिस्ट्री कब होगी | UP Kisan Card Kaise Banega Apply Online 2024 | Former Registry Kya Hai
No video
Пікірлер: 35