Uttam Shauch Dharma 2002, Jaipur - उत्तम शौच धर्म 2002, जयपुर
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Daslakshan Parv 2002, Jaipur
Playlist: • दशलक्षण पर्व- जयपुर, 2002
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परमपूज्य मुनिश्री क्षमासागर जी द्वारा उत्तम शौच धर्म पर दिए प्रवचन
• आंतरिक शुचिता या निर्मलता का भाव ही शौच धर्म है।
• जीवन में निर्मलता क्या चीज है? निर्मलता के मायने है- जीवन का चमकीला होना। निर्मलता के मायने है- मन का भीगा होना। निर्मलता के मायने है- जीवन का शुद्ध होना। निर्मलता के मायने है- जीवन का सारगर्भित होना। निर्मलता के मायने हैं- जीवन का निखालिस होना।
• मलिनता का कोई कारण है तो वह है लोभ और लोभ के अभाव से ही हमारे जीवन में शुचिता आती है ।
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