ये हैं हमारी संस्कृति के संवाहक जो अपनी पहाड़ी कला ढोल वादन को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को पहुंचाते हैं, जिस कारण उत्तराखंड की ढोल वादन की कला आज भी जीवित है।
प्रस्तुत वीडियो बागेश्वर जिले के पोथिंग गांव स्थित माँ नन्दा भगवती शक्तिपीठ की है जहां हमारे दास बंधु भाद्रपद माह में होने वाले माँ नन्दा के महा पूजा में देवी के सम्मान में विभिन्न तालों के साथ ढोल का वादन करते हैं।
ढोल वादन की एक छोटी सी झलक देखिए महेश राम के ढोल ताल के साथ-
Негізгі бет उत्तराखंड की संस्कृति के संवाहक - हमारे ढोल वादक।
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