उत्तराखंड के जौनसार-बावर में मौज़ूद है शिवलिंगों का रहस्यमयी स्थान लाखामंडल। Being Ghumakkad ने दिल्ली से लाखामंडल तक की यात्रा की।पुरातात्विक साक्ष्य कहते हैं कि लाखामंडल में स्थित मुख्य शिव मंदिर का निर्माण बारहवीं-तेरहवीं शताब्दी में हुआ।मंदिर परिसर में ही प्राप्त छठी शताब्दी के एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण सिंहपुर राजघराने की राजकुमारी ईश्वरा ने करवाया। ऐसा माना जाता है कि ये मंदिर राजकुमारी ने अपने पति चंद्रगुप्त जो जालंधर के राजा के पुत्र थे, के निधन पर उनकी सद्गति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बनवाया था। मंदिर परिसर में ऐसी जगह भी मौज़ूद है जहां पर एक विशेष क्रिया के बाद इंसान को ज़िंदा किया जाता था। लाखामंडल की और भी कई खूबियां हैं, जो आपको इस एपिसोड में देखने को मिलेंगी।
- 6 ай бұрын
Uttarakhand में महादेव का रहस्यलोक ‘लाखामंडल’, जहां मरे इंसान ज़िंदा हो जाते थे!
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