संगीतकार तो बहुत हुए पर उनकी बात निराली थी कैसी कैसी मीठी धुनें मदन जी ने रच डाली थी विलक्षण प्रतिभा थी उनमें गीतों को सजाने की कुछ रागों को मिश्रित कर नया संगीत बनाने की ग़ज़लों का शहजादा था वो पारंगत गीतों में भी था कौन सा साज़ कहां सजेगा इसका ज्ञान बहुल भर था बेगम अख्तर जैसी दिग्गज ने उनकी धुनों को माना था नौशाद साहब ने अपने काम को दो गीत बराबर जाना था लता जी को ध्यान में रखकर जब जब था कमपोज़ किया तब तब रचे अमर गीतों ने परम आनंद का बोध दिया रफी साहब की प्रतिभा का कैसा था उपयोग किया हंसते जख्म, हकीकत दस्तक में अविस्मरणीय प्रयोग किया सिद्धांतों का वो पक्का था उसका न कोई सानी था कला का सच्चा साधक था वो सहता नहीं बेइमानी था हाय रे भाग्य उनको हम उनके रहते न पहचान सके चले गए थे रूठ के वह जब चक्षु जैसे सब के खुले खुशबू लेकिन कब छुपती है ना छुपनी थी और न छुपी ख्याति अमर संगीत की उनकी दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ी वर्षों गुजरे उनके निधन को वीर जारा का चमत्कार हुआ धुनें गूंजी कुछ ऐसी हरसूं मदन का जय जयकार हुआ खुद पर ही जच बैठेगा इक दिन रचते हुए न जानते होंगे हमारे बाद अब महफ़िल में अफसाने बयान होंगे बहारें हम को ढूंढेगी न जाने हम कहाँ होंगे 😮
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
1970 के दशक में मैं जब मदन जी की बात करता था,तो तब के हमारे साथी मज़ाक उड़ाते थे।अब सभी मदन जी की प्रशस्तिगान में लगे हैं।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
अरे मित्रो!रफी साहब जैसी आवाज़ किसी की नहीं थी।हम भी 54 साल से गाने सुन रहा हैं,और सुनकर कुछ ज्ञान हो गया था। रफी साहब जिस तरह से आवाज़ को बदलते थे,वो कोई नहीं कर पाता था।आशा जी की ईर्ष्या का ज़िक्र कर क्यों मज़ा किरकिरा कर गए।भगवान से आशाजी शिकायत करें कि क्यों उन्होंने उन्हें आवाज़ रफी साहब जैसी दी। गाली के पक्षधर हम भी नहीं,लेकिन गाने हम भी समझते हैं।रफी साहब गाने में कितने ट्विस्ट लेते थे,यह आशाजी को भी पता नहीं।
@rajeevkatyal1846
3 ай бұрын
Correct. There is no one like Rafi Sahab.
@rajeevkatyal1846
3 ай бұрын
फरिश्तों को भी नाज़ था जिस पर ऐसा उसका गाना था मौसेकी का मंदिर था वह खुद ही एक घराना था शहद सा मीठा गला था उसका गगन से ऊंची तान कुदरत की इक देन था वह तो रफी था उसका नाम जब भी उसने माइक था पकड़ा छेड़ा एक तराना था मदहोशी सी छा जाती सब पर हर कोई उसका दीवाना था तानसेन का पुनर्जन्म था या गंधर्व का अवतार था वो सदियां जिसकी राह देखती ऐसा ही कलाकार था वो ऐसा ना कोई पहले था ना ही उनके बाद हुआ करिश्मा यह उपर वाले का था बस एक ही बार हुआ कला का परस्तार था वह तो पैसे की कोई चाह ना थी ऐसा कोई गीत नहीं था जिस पर सबकी वाह ना थी बर्मन दा, नौशाद मदन जी सब उनके दीवाने थे क्या ग़ज़ल क्या भजन कव्वाली क्या खूब बने वो गाने थे हर संगीतकार को गुरु था माना हर गायक का सम्मान किया मन्ना दा भी कह चुके हैं रफी ने तो कमाल किया पाक रूह थी नेक था बंदा यह हम सब ने माना था जाने क्या खता हुई हमसे जल्दी उसको जाना था काश हम उनके जैसे हों और अच्छे इंसान बनें थोड़ा भी अनुकरण करें तो धरती स्वर्ग समान बनें By Rajeev Katyal Surat
@themusicman4337
3 ай бұрын
कितनी सच्चाई से आपने इस गीत को लिखा.. रफ़ी साहब भी खुश हो गये होंगे इसको पड़ कर 😅
@rajeevkatyal1846
3 ай бұрын
🙏@@themusicman4337
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
मदन जी लोकप्रिय संगीतकार नहीं थे,वो कर्णप्रिय संगीतकार थे।उनके गाने सड़कछाप नहीं थे।
@rajeevkatyal1846
3 ай бұрын
Javed sir, Songs from movie Naunihal should also have been discussed. Madan ji was a genius and perhaps the best music director we have seen. The program was extremely good. Thanks a lot
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
बहुत सही बात।लता जी अपनी आवाज़ 1985 के करीब खो बैठीं थीं। वीराजारा में वो गायिका नहीं रह गईं थीं।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
जहाँआरा भी एक ऐसी फिल्म थी,जो फ्लॉप तो हुई,लेकिन गाने तो गज़ब थे।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
जी!लॉबी ही बनी थी और कई संगीतकार अपना कैम्प बनाकर बैठे थे।गायक जानता है कि दूसरा क्या गा रहा है और कितनी उसकी सामर्थ्य है। आशा जी रिहर्सल के समय गाने का अंदाज़ चोरी कर लेतीं थी। ओपी नैयर के को फंसाया था,यह कैसे भूल सकता है कोई।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
मैं उन्हें फ्लॉप फिल्मों का हिट संगीतकार कहता रहा हूँ।1972 से मैं जब गाना समझने लगा तो मदन जी के गाने ही पहले मेरे दिल में आये। मैं उनके एक गाने को किसी दूसरे से अलग नहीं कर सकता।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
गज़ब की बात यहां की जा रही है! मदन जी को स्टाम्प निकालने, सड़क का नाम रखने और अवार्ड मिलने से न जोड़िए।वो इन चीजों से परे हैं।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
इसी मंच पर तुम जो मिल गए हो,क्यों नहीं बजाया गया?सब साफ हो जाता।
@RatanSingh-kd6pr
3 ай бұрын
शराबी का गाना,मुझे ले चलो फिर उस गली में, कोई नहीं गा सकता।
@jojogeorgejoseph266
3 ай бұрын
kaise kategi zindagi Madan Mohan aur Mohammed Rafi ke bagair
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