बीते पूरे हफ्ते उद्योगपति #BabaRamdev ने एलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऐलान किया कि यह एक दिवालिया, स्टुपिड साइंस है. जवाब में एलोपैथी चिकित्सा से जुडे तमाम संगठनो ने भी मोर्चा खोल दिया. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. रामदेव ने इसके बाद भी अड़बंग बयानबाजी जारी रखी.
रामदेव के पीछे-पीछे उनके खिलाए-पिलाए मीडिया के दुमछल्ले भी टनाटन बोलने लगे. लड़ाई बाबा रामदेव और एलोपैथी चिकित्सा के बीच थी लेकिन #RepublicBharat और उसके एंकर एंकराओं के दिमाग का जाला हिंदू-मुसलमान में बुरी तरह उलझ गया. इन चैनलों पर आप पूरी दुनिया की सैर करके वापस आ जाएंगे लेकिन गारंटी है कि आप ये कभी नहीं जान पाएंगे कि असली वजह क्या है, असली मुद्दा क्या है.
इंडिया टीवी वाले #RajatSharma जलेबी और इमरती छानने का कंपटीशन करते हैं. शब्दों की जलेबी और शब्दों की इमरती. शर्माजी ने घंटे भर के शो में आधे घंटे जाया कर दिए सिर्फ छानने में. इसके बाद उन्हें भरोसा हो गया कि गंगा किनारे तो छह साल पहले भी लोग ऐसे ही मर रहे थे, इस बार नया क्या हो गया. शर्माजी के मुताबिक गंगा की रेती में और उसकी धारा में लाशों को निपटा देना सनातनी परंपरा रही है, और परंपरा का पालन करने में किसी को शर्म नहीं आनी चाहिए.
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Негізгі бет Yogi की कहानी,
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