kabir vichar
सदगुरू कबीर की भाषा में और वास्तव में,ये चलते -फिरते प्राणी और मानव ही सच्चे ईश्वर हैं, अतएव जाति, संप्रदाय और मजहब की दीवार को तोड़कर सबके साथ अगाध स्नेह करना ही ईश्वर पूजा है, और सदाचार ही सच्चा धर्म-पालन है।सदगुरु ने कहा कि जिस परमात्मा, मोक्ष, निर्वाण, ब्रह्म, राम को हम पाना चाहते हैं वह मनुष्य के अपने आत्माराम से कुछ अलग वस्तु नहीं है। वासनाओं को छोड़कर निज चेतन स्वरूप में स्थित होना परम तत्व को पाना है। निज स्वरूप की परख हुए बिना यह दशा नहीं मिलती। साहेब ने कहा है-
जो तू चाहे मुझको, छाड़ सकल की आश।
मुझ ही ऐसा होय रहो,सब सुख तेरे पास।।
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- 4 сағат бұрын
मनुष्य में यदि परख नहीं तो वो जानवर से भी बत्तर है_सदगुरु अभिलाष साहेब
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- 7 сағат бұрын
जीवन से दुख न जाने की वजह एक ही है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 50:13
- 9 сағат бұрын
अपने धाम के अलावा सब जगह बंधन है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 50:00
- 12 сағат бұрын
अहंकार ही झगड़े का कारण है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 59:33
- 14 сағат бұрын
संसार में कहीं स्थायी सुख नहीं है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 58:11
- 16 сағат бұрын
इंद्रियां बाहर के लिए ही बना है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 54:07
- 19 сағат бұрын
हम दुनियादारी में राम से मिलना नहीं चाहते हैं_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 50:30
- 21 сағат бұрын
कबीर पारख संस्थान की स्थापना क्यों और कैसे हुई_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 56:12
- Күн бұрын
राम का दर्शन कैसे होगा_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 48:12
- Күн бұрын
दुनिया का सबसे दुखी प्राणी_सदगुरु अभिलाष साहेब
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- Күн бұрын
जन्म लेते ही हमारा मानसिक शोषण हो रहा है_सदगुरु अभिलाष साहेब
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- 14 күн бұрын
सावधान रहने वाला कभी दुखी नहीं होता_सदगुरू अभिलाष साहेब
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- 14 күн бұрын
जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति कैसे होगी_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 33:28
- 14 күн бұрын
क्या मुक्ति के लिए व्यवहार त्यागना होगा_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 28:56
- 14 күн бұрын
मृत्यु के बाद_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 33:37
- 14 күн бұрын
परमार्थ ही जीवन का उद्देश्य_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 43:09
- 14 күн бұрын
अध्यात्म और व्यवहार एक दूसरे के पूरक_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 38:56
- 14 күн бұрын
उन्नति का राज_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 34:55
- 21 күн бұрын
जीव को बांधने वाला_सदगुरु अभिलाष साहेब
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- 21 күн бұрын
भवसागर से तरने के उपाय_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 24:32
- 21 күн бұрын
जगत प्रलयमय है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 24:32
- 21 күн бұрын
क्या जगत असत्य है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 32:08
- 21 күн бұрын
देह धरना नर्क है_सदगुरु अभिलाष साहेब
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- 21 күн бұрын
परमधाम की प्राप्ति कैसे होगी_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 32:17
- 28 күн бұрын
नासमझी से दुख आता है_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 57:27
- 28 күн бұрын
भक्तो के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर_सदगुरु अभिलाष साहेब
- 28:53
- 28 күн бұрын
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