।। रिद्धि-सिद्धि प्रवाह।।
35 वर्षों तक हिंदी व्याख्याता के रूप में सेवानिवृत्त होने पर शुभचिंतकों ने सक्रियता हेतु यूट्यूब से जुड़ने की सलाह दी। सुझाव उत्तम था। शुभारंभ गणेश जी का ध्यान करते हुए उनके दोनों और विराजमान रिद्धि सिद्धि जो सांसारिकता एवं आध्यात्मिकता की प्रतीक हैं, तथानुसार "रिद्धि सिद्धि प्रवाह" नाम के चैनल का नामकरण किया गया। चैनल में सांसारिकता के अंतर्गत हिंदी साहित्य एवं व्याकरण की विधाओं के साथ नई तकनीक, स्वास्थ्य, संगीत आदि को प्रस्तुत करते हुए आध्यात्मिकता की ओर बढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसमें राम कथा, भारतीय संस्कार, शास्त्रीय ग्रंथों की परंपराओं के साथ वर्तमान परिप्रेक्ष्य में धर्म की व्याख्या का उद्देश्य रखकर बड़ों का सम्मान, नवयुवकों को भारतीयता बोध, बच्चों को प्राचीनता और नवीनता के समन्वय के साथ चरित्र निर्माण करना जिससे कि वे भारत की ज्ञान गुरु परंपरा को प्रकाश स्तंभ बनकर विश्व को आलोकित करें।"सब की नसों में पूर्वजों का पुण्य रक्त प्रवाह हो। गुण शील साहस बल तथा सब में भरा उत्साह हो। सबके हृदय में सर्वदा संवेदना की दाह हो। हमको तुम्हारी चाह हो, तुमको हमारी चाह हो"
।। इति शुभम्।।
- 20:18
- 14 күн бұрын
हृदय घाउ मेरे पीर रघुबीरै: तुलसीदास (गीतावली)
- 13:24
- 21 күн бұрын
वाल्मीकि रामायण में कांड, सर्ग और श्लोकों की संख्या।🙏
- 15:21
- Ай бұрын
निकसत म्यान ते मयूखै प्रलय भानु कैसी: महाकवि भूषण।
- 14:20
- 2 ай бұрын
"जियत न दीन्हेन कौरा,मरे उठाएन चौरा "
- 20:18
- 2 ай бұрын
त्रिजटा नाम राक्षसी एका: राम कथा (सुंदरकांड)
- 11:59
- 3 ай бұрын
गुप्त नवरात्रि: एक सम्यक चिंतन (जय माता दी)
- 14:26
- 3 ай бұрын
साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धारि: महाकवि भूषण 🌹🌹
- 9:33
- 4 ай бұрын
चरण कमल बंदों हरि राई:" सूरदास"
- 19:55
- 4 ай бұрын
अब मैं नाच्यो बहुत गुपाल: सूरदास जी 🙏❤️🙏
- 10:22
- 4 ай бұрын
अब कै राखि लेहु भगवान: महाकवि सूरदास 🙏
- 14:16
- 5 ай бұрын
प्रातहिं जगावत गुलाब चटकारी दै:कवि देव
- 12:29
- 5 ай бұрын
मो सम कौन कुटिल खल कामी: सूरदास 🙏
- 13:24
- 5 ай бұрын
अविगत गति कछु कहत न आवै: सूरदास
- 16:30
- 6 ай бұрын
कबहुंक अंबअवसर पाइ: विनय पत्रिका 🙏 ,तुलसीदास
- 17:16
- 6 ай бұрын
जो तुम आ जाते एक बार: महादेवी वर्मा।
- 16:30
- 6 ай бұрын
लला फिर आइयो खेलन होरी: पद्माकर 🌹🌹
- 11:44
- 6 ай бұрын
पर काजहिं देह को धारि फिरौ (बादलों से प्रार्थना) घनानंद
- 15:09
- 7 ай бұрын
रहा एक दिन अवधि अधारा (भरत जी की व्याकुलता)राम कथा।
- 7:51
- 7 ай бұрын
ससुर का नाम लेने पर लगाया सास ने थप्पड़।
- 8:18
- 8 ай бұрын
श्री कृष्ण वंदना (पंचामृत से संकलित )
- 11:53
- 9 ай бұрын
हम और हमारा पड़ोसी (अद्भुत समन्वय)
- 14:35
- 10 ай бұрын
मंदोदरी ने रावण को सुनाई राम कथा: लंकाकांड
- 17:06
- 10 ай бұрын
जामवंत के बचन सुहाए: 🙏सुंदरकांड की पहली चौपाई।🙏
- 25:09
- 10 ай бұрын
राम कथा में हनुमान जी एक किन्तु रूप अनेक।।
- 18:28
- 11 ай бұрын
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