भगवान विष्णु के नाभि से ब्रम्हा जी का उत्तपत्ति होती है और विष्णु जी के कान से दो असूरों का उत्तपत्ति जो उन्ही की परेशानीबढ़ा देते हैं दोनों I ब्रम्हा जी को जान मारने के लिए और अपनी भूख मिटाने के लिए उनको दौड़ा लेते हैं दोनों असुर I फिर क्या ब्रम्हा जी त्राहिमाम त्राहिमाम करते हुए भागने लगते हैं और विष्णु को पुकारते हुए उनके पास जाते हैं और विष्णु को सारा किस्सा बताते हैं फिर विष्णु भगवान जाते हैं और लड़ाई करते हैं फ़िरभी नहीं मरते हैं दोनों अंतिम में उनदोनों के ईक्षा से मृत्य हो जाती है विष्णु जी के द्वारा I
श्री ब्रह्मा विष्णु महेश ऐसा कहने से लगता है जैसे यह तीन अलग-अलग देव अथवा शक्तियां हैं परंतु यह सत्य नहीं है वास्तव में यह तीनों एक ही शक्ति के तीन रूप हैं असल में एक ही परम ब्रह्म परमात्मा है जिसकी इच्छा अथवा संकल्प से इस जगत की सृष्टि होती है उस सृष्टि का पालन होता है और फिर उसी सृष्टि का संघार हो जाता है एकमत ए भी है कि सारा संसार एक माया है यह उत्पत्ति का पालन या फिर सारा नाटक केवल माया का भ्रम है जैसे स्वप्न में देखा हुआ सत्य नहीं होता उसी प्रकार यह सारा संसार मिथ्या है केवल स्वप्न मात्र है I
Click to Subscribe:- / @dabanggtv
#Dabangg #dabanggtv #brahmavishnumahesh #bhojpuri #bhojpurishow #serial #bhojpuriviral #bhojiwood #bhojpuriya #dabang #ramayana #trend #trendingnow #bhojpuricinema #entertainer #entertainment
Негізгі бет Фильм және анимация ब्रह्मा विष्णु महेश की कथा I जो सृष्टि के दाता है फिर भी दो असुरों को मार नहीं सकता है I EP - 25
Пікірлер: 24