रावण जब शिव जी से हार मान लेता है और भगवान शिव को अपना गुरु मान लेता है तो शिव शंकर जी प्रसन्न हो कर बोलते हैं कि वर मांगो तब रावण को शिव लिङ्ग देते हैं महादेव और बोलते हैं कि इसे लंका में ही स्थापित करना बीच में कहीं नहीं रखना पर बीच रास्ते में ही रावण को प्यास लगती फिर पानी पीने के बाद पेशाब लगती है तो शिवलिङ्ग को ज़मीन पर रख देता है फिर क्या ख़ाली हाथों जाना पड़ता है रावण को I
श्री ब्रह्मा विष्णु महेश ऐसा कहने से लगता है जैसे यह तीन अलग-अलग देव अथवा शक्तियां हैं परंतु यह सत्य नहीं है वास्तव में यह तीनों एक ही शक्ति के तीन रूप हैं असल में एक ही परम ब्रह्म परमात्मा है जिसकी इच्छा अथवा संकल्प से इस जगत की सृष्टि होती है उस सृष्टि का पालन होता है और फिर उसी सृष्टि का संघार हो जाता है एकमत ए भी है कि सारा संसार एक माया है यह उत्पत्ति का पालन या फिर सारा नाटक केवल माया का भ्रम है जैसे स्वप्न में देखा हुआ सत्य नहीं होता उसी प्रकार यह सारा संसार मिथ्या है केवल स्वप्न मात्र है I
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Негізгі бет Фильм және анимация ब्रह्मा विष्णु महेश की कथा | एक छोटी सी चीज से रावण नहीं लड़ सका ? | EP - 35 | Dabangg
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