आज के वीडियो में हम डॉ नम्रता श्रीवास्तव द्वारा जानेंगे कि होम्योपैथिक दवा Abroma Augustra Q का इस्तेमाल शुगर की बीमारी के किन खास लक्षणों में किया जा सकता है।
इंसुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पुरे शरीर में जाता है और उर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है। वहीं जब पैंक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इंसुलिन न निकले तो इसकी वजह से ब्लड में ग्लुगोज का लेवल बढ़ने लगता है और फिर इसी स्थिति को मधुमेह, डायबिटीज या शुगर कहा जाता है।
वैसे तो डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है। इन दिनों कम उम्र में लोगों को डायबिटीज हो रही है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज अक्सर 45 साल से अधिक उम्र के लोगों में होती है।
लक्षण:
अत्यधिक भूख लगना, अचानक वजन कम होना, हाथों या पैरों में झुनझुनी, थकावट, कमजोरी, शुष्क त्वचा, घावों का धीरे-धीरे भरना, अत्यधिक प्यास लगना, विशेष रूप से रात में बहुत अधिक पेशाब आना, संक्रमण, बालों का झड़ना टाइप 2 डायबिटीज के आम लक्षण हैं. वहीं, टाइप 1 डायबिटीज में लोग मतली, पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण भी महसूस करते हैं.
डायबिटीज से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों को छाती में दर्द होना, सांस कम आना जैसे कई लक्षण देखने को मिलते हैं। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल ज्यादा बढ़ा रहता है या फिर आप ओवर वेट या ओबेसिटी का शिकार हैं तो आपको डायबिटीज होने का रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है।
In today's video Dr Namrata Srivastav explains about the benefits of Homoeopathic medicine Abroma Augustra Q.
The exact cause of most types of diabetes is unknown. In all cases, sugar builds up in the bloodstream. This is because the pancreas doesn't produce enough insulin. Both type 1 and type 2 diabetes may be caused by a combination of genetic or environmental factors.
The most common long-term diabetes-related health problems are: damage to the large blood vessels of the heart, brain and legs (macrovascular complications) damage to the small blood vessels, causing problems in the eyes, kidneys, feet and nerves (microvascular complications).
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