जिस तरफ़ देखा ,मुझे बस तू नजऱ आया...
कुछ नज़र आया नही, जब तू नज़र आया...
रुतबा भी मेरे सर को तेरे दर से मिला है...
हालांकि मुझे ये सर भी तेरे दर से मिला है...
लोगो को मिला है, तो मुकद्दर से मिला है...
मुझको तो मुकद्दर भी तेरे दर से मिला है...
जय योगिराज श्री शान्ति गुरुदेव
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Негізгі бет जब मन मेरा घबराये, कोई राह नज़र ना आये । By Bhavesh Baid in Mandoli
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