#MEDITATION कैसे करें #Swami Aalok Ji
तीन नेत्र : शिव को 'त्रिलोचन' कहते हैं यानी उनकी तीन आंखें हैं। प्रत्येक मनुष्य की भौहों के बीच तीसरा नेत्र रहता है। शिव का तीसरा नेत्र हमेशा जाग्रत रहता है, लेकिन बंद। यदि आप अपनी आंखें बंद करेंगे तो आपको भी इस नेत्र का अहसास होगा।
संसार और संन्यास : शिव का यह नेत्र आधा खुला और आधा बंद है। यह इसी बात का प्रतीक है कि व्यक्ति ध्यान-साधना या संन्यास में रहकर भी संसार की जिम्मेदारियों को निभा सकता है।
ध्यान की सरलतम विधि है। बुद्ध विपस्सना के द्वारा ही बुद्धत्व को उपलब्ध हुए थे। और विपस्सना के द्वारा जितने लोग उपलब्ध हुए हे उतने और किसी विधि से नहीं हुए। विपस्सना विधियों की विधि है। और बहुत सी विधियां है लेकिन उनसे बहुत कम लोगों को मदद मिली है। विपस्सना से हजारों लोगों की सहायता हुई है।
यह बहुत सरल विधि है। यह योग की भांति नहीं है। योग कठिन है, दूभर है, जटिल है। तुम्हें कई प्रकार से खूद को सताना पड़ता है। लेकिन योग मन को आकर्षित करता हे। विपस्सना इतनी सरल है कि उस और तुम्हारा ध्यान ही नहीं जाता। विपस्सना को पहली बार देखोगें तो तुम्हें शक पैदा होगा, इसे ध्यान कहें या नहीं। न कोई आसन है, न प्राणायाम है। बिलकुल सरल घटना-सांस आ रही है, जा रही है, उसे देखना बस इतना ही।
श्वास-उच्छवास बिलकुल सरल हों, उनमें सिर्फ एक तत्व जोड़ना है: होश, होश के प्रविष्ट होते ही सारे चमत्कार घटते है।
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