मुहर्रम की शुरुआत भारत में 7 जुलाई से हो गई है। सऊदी अरब में भी 7 जुलाई से मुहर्रम का शुरू हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर की शुरुआत मुहर्रम महीने के पहले दिन के साथ होती है, इसे हिजरी कैलेंडर के रूप में जाना जाता है। मुहर्रम पर अल्लाह के नेक बंदे की कुर्बानी के लिए याद रखा जाता है। मुहर्रम को पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुहर्रम पर मातम मनाया जाता है। मुहर्रम पर कर्बला की जंग को भी याद किया जाता है। ज्यादातर लोगों को कर्बला की इस जंग की जानकारी नहीं है।
मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म के लोगों के लिए बहुत खास होता है। यह महीना त्याग और बलिदान की याद दिलाता है। मुहर्रम, बकरीद के 20 दिन बाद मनाया जाता है। मुहर्रम के दिन खुदा के नेक बंदे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने हुसैन को याद करते हुए मातम मनाते हैं। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। मुहर्रम पर हुसैन की याद में ताजिया उठाया जाता है और मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हुए रोते हैं।
Негізгі бет मुहर्रम की झाँकी में देखिये एक से एक बढ़कर
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