शांतिधारा शत्धौत घृत १००% शुद्ध और सुरक्षित,तुरंत और तात्कालिक आराम के लिए आयुर्वेद का असाधारण सूत्र है, इसका निर्माण घी को पानी (जल ) से धुलकर किया जाता है , इसके लिए घी को औषधियों और जल के साथ मुर्छित किया जाता है इसके उपरांत मुर्छित घी को ताम्बे (कॉपर) की थालीपरात में लेकर और लौटे से घिस कर पानी के साथ धुलाई की जाती है, इस प्रक्रिया में १०० बार पानी को बदला जाता है और इसमें २ दिन का समय लगता है।
घी, औषधि ,पानी,तांबे के संपर्क से इस घृत में Anti bacterial, Antifungal, Anti allergy गुण विकसित होते है जो की शरीर की त्वचा को कांतिमय ,स्वस्थ और निरोगी बनाने में सहायक होते है।
शांतिधारा शतधौत घृत में प्रयुक्त सामग्री-
गिर गाय का घी, हरद, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, निम्बू, पानी।
शांतिधारा शतधौत घृत के फायदे-
▪शतधौत घृत, एक ऐसा आयुर्वेदिक फार्मूला है जो सभी तरह की त्वचा और स्थिति में उपयोगी है।
▪नवजात शिशु के लिए ज्यादा प्रमाणिक - १००% शुद्ध और सुरक्षित। नवजात शिशु की त्वचा पर मालिश करने से नमी बनी रहती है,होने वाली फुंशी,गर्मी या डायपर से होने वाले चकते(rashes) पर तुरंत राहत के लिए।
▪स्तनपान , निप्पल दर्द,निप्पल का फटना ,त्वचा के काटने फटने , अवाधित स्तनपान के लिए तात्कालिक राहत होती है।
▪एंटी एजिंग (anti ageing), झुर्रिया , सुखी और पपडीदार त्वचा , त्वचा में नमी ,घुटने और कोहनी के खुदरेपन और दगिली त्वचा के लिए।
▪शेविंग के दौरान, कट जाने और त्वचा की शुष्कता पर।
▪गर्दन,तुड़ी,बगल(armpits)पर , वैक्सिंग के उपरांत जलन और दर्द को कम करने में।
▪टाइट कपडे ,कपडे के घर्षण , मोटापा , अंडर गारमेंट्स की बजह से चक्तते,कांख - जांघ - पैरो के बीच चक्कत्ते (rashes) होने पर शीघ्र राहत मिलती है।
▪गर्दन ,बगल(कांख),जननांगो और स्तन के मध्य में पसीने से होने वाले घाव और जलन में राहत देता है।
▪हाथ पैर के तलुओं में जलन होना, सिर में जलन, पैर में दरारे, जलने , चोट घाव,छाले,त्वचा पर फुंशी होने पर, तुरंत और तात्कालिक आराम के लिए आयुर्वेद का असाधारण सूत्र है।
▪डेली स्किन केयर - यह एक लाइटवेट क्रीम है ,स्किन में शीघ्र ही सोख ली जाती है,त्वचा कोशिकाओ की पुनर्स्थापना और त्वचा को जीवंत बनाये रखने के लिए उपयोगी है
त्वचा को हानिकारक विकिरण से बचाब का कार्य करता है, त्वचा को मजबूत करता है,त्वचा को पोषण और काया कल्प करता है , त्वचा की खोई हुई नमी को बापस लाने में मदद करता है।
▪शीतकालीन देखभाल - त्वचा में नमी, कोमलता,और कांति को बनाये रखती है, त्वचा की परतदरता का इलाज करता है।
▪ग्रीष्मकालीन देखभाल - सूर्य क्षति को सही करने में ,त्वचा के जलने पर ठंडक देना और मुलायम बनाता है।
▪वर्षाकालीन देखभाल - बारिश के मौसम में गीले कपडे पहनने के कारण होने वाले खुजली,चक्क्त्ते में आराम दायक है, पैरो की उंगलियों के मध्य होने वाले खुरे में आरामदायक है।
शान्तिधारा शतधौत घृत की उपयोग विधि-
कम से कम दिन में २ समय शतधौत घृत का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पहले लैप टिकिया को हाथ में लेकर पानी के साथ घिसें,इसमें झाग नहीं आयेगा और इसका लैप जो बनेगा उसे त्वचा पर लगाये, इस लैप को ५ से १० मिनट तक त्वचा पर scrub करे (उंगलियों के द्वारा शरीर पर मलें) फिर पानी से धुल कर कपडे से सुखा लें।
तदोपरांत शत्धौत घृत को क्रीम की तरह जहां आवश्यकता हो वहाँ प्रयोग करना है तथा उंगली से मलना है।
शांतिधारा पंचगव्य अनुसंधान केंद्र (श्री दि.जैन अति.क्षेत्र बीनाजी बारह का उपक्रम)
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित
लायसेन्स संख्या : MP/25D/20/719
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