रामायण की वह बातें , जो अब तक हमसे छुपाई गईं । रामायण के चौंकानें वाले रहस्य । Ramayan ke rahasya 24
एक कन्या को हो गया था हनुमान जी से प्रेम । किस राक्षस को भगवान राम ने जिंदा जमीन में गाड़ दिया था । कैसे बालि ने रावण को छ महीने कांख में दबा कर रखा था । रामायण में , रावण से भी शक्तिशाली एक राक्षस था , जिसे लक्ष्मण जी ने मारा था यदि वह नहीं मरता तो आज रामायण का इतिहास कुछ और ही होता । क्या भगवान राम मांस का सेवन करते थे , यदि नहीं तो फिर उन्होंने हिरन को क्यों मारा ? भगवान राम ने रावण को यज्ञ करने लिये क्यों बुलाया था और रावण सीता माता को लेकर राम जी के पास आया भी था । रामायण की ऐसी बहुत सी बातें हैं , जिन्हें T.V. सिरियल वाले कभी दिखा ही नहीं सकते हैं । क्योंकी उन्होंने ऐसा किया तो , सच्चायी सबके सामने होगी । हमसे से ज्यादातर लोग केवल या तो वाल्मिकी रामायण या फिर रामचरित मानस के बारे में ही जानते हैं । लेकिन इसके अलावा कयी सारी रामायण लिखी गयी हैं जैसे कम्बन रामायण , अद्भुत रामायण , आनंद रामायण आदि । जिनमें बहुत कुछ गुप्त बातें लिखी गयी हैं । रामायण की अनसुनी बातों का यह एपिसोड - 2 है । पहले एपिसोड को आप लोगों ने बहुत प्यार दिया , इसके लिये आप सभी का दिल से धन्यवाद । आज के विडियो में भी हम लोग रामायण के बहुत सारे चौंकाने वाले रहस्यों को जानने वाले हैं । विडियो शुरु करने से पहले , आपसे मेरा छोटा सा निवेदन की , यदि आप चैनल पर न्यू आये हैं तो प्लीज , चैनल को सब्सक्राइब करके साथ में घंटी वाला वेल आइकन जरुर दबा दें , तभी आपको न्यू विडियो का नाटिफिकेशन मिल पायेगा । और भगवान राम के भक्त कोमेंट सेक्सन में , जय श्री राम जरुर लिख देना । तो चलिये दोस्तों बिना टाइम को बेस्ट किये विडियो को स्टार्ट करते हैं ।
1.क्या भगवान राम करते थे , मांस का सेवन - लोग यह भ्रम फैलाते हैं कि श्रीराम एक क्षत्रिय होने के नाते मांस का सेवन करते थे। इसीलिए तो माता सीता ने उन्हें हिरण मारकर लाने के लिए कहा था। यदि वे मांसाहारी नहीं थे तो, क्यों माता सीता ने हिरण की मांग की थी? कुछ लोग यह भी कहते हैं कि माता सीता ने हिरण के चमड़े की मांग की थी, क्योंकि वह उस चमड़े का आसन या वस्त्र बनाना चाहती थीं। लोग सवाल करते हैं कि क्यों माता सीता ने हिरण के चमड़े की मांग की थी, और क्यों श्री राम भगवान उसे मारने भी चले गए, जबकि धर्म तो यह नहीं सिखाता है । यदि ऐसा था तो श्रीराम एक मांसाहारी थे? प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण जी और माता सीता ने अपना राजपाट और राजसी वस्त्र सभी को त्याग कर वनगमन कर गए थे। उन्होंने सन्यासियों के वस्त्रों को धारण कर लिया था। वे सभी ऋषियों के आश्रम में रहते थे। वहां उन्होंने ध्यान और तप किया। बाद में वे दंडकारण्य में रहने लगे। पंचवटी में कुटिया बनाकर रहने लगे। उन्हें किसी मृगचर्म की कोई जरूरत नहीं थी। क्योंकि वे शुद्ध सात्विक और तपस्वी वाला जीवन व्यतीत कर रहे थे। आपने कभी देखा है, किसी कुटिया में किसी ने पशु की खाल लटकाई हो? दूसरा भारत में मैदानी इलाकों में और दक्षिण भारत में कभी भी पशु चर्म को वस्त्र बनाने का प्रचलन नहीं रहा। पशु चर्म को कपड़े के समान प्रयोग करने का प्रचलन केवल बहुत ठंडे या बर्फिले इलाके में किया जाता था। आपने शिवजी के चित्र इसी वेशभूषा में देखा होगा। लेकिन कोई भी वैष्णवी चर्म का प्रयोग नहीं करता। असलियत यह थी कि माता सीता ने श्रीराम से हिरण को मारकर लाने के लि नहीं कहा था बल्कि उसे पकड़कर लाने के लिए कहा था। सुनहरी हिरन के बच्चे को देख कर जंगल में अकेलेपन को दूर करने के लिए माता सीता ने श्रीराम से उस बच्चे को पालने की इच्छा जाहिर की थी। प्रभु राम ने उस समय सीता जी को यह समझाने का प्रयास किया कि इतना छोटा बच्चा अपनी मां के बिना नहीं रह सकता है, इसलिए ये हठ छोड़ दो। किंतु तब सीता बोलीं, ठीक है, जब तक इसकी मां नहीं आती, तभी तक तो इसे रख सकते हैं। ऐसे में हार कर, प्रभु श्रीराम उस हिरन को पकड़ने उसके पीछे दौड़ते हुए चले गए। जब दौड़ते हुए वो हिरन एकदम से कभी दिखाई देता और कभी गायब हो जाता तो प्रभु श्रीराम समझ गए कि यह कोई मायावी है। यही सोचकर उन्होंने तीर निकाला और उसका वध कर दिया। चूंकि प्रभु श्रीराम विष्णु के लीलावतार थे, इसलिए पहली नजर में उस मायावी राक्षस को देखने के बाद भी, सामान्य पुरुष की भांति, जब तक उसने अपनी माया नहीं दिखाई, तब तक उसे एक छोटा सा हिरन ही समझते रहे और सीता की बात मान कर उसके पीछे दौड़ पड़े। वे सबकुछ जानते थे लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करते तो आगे की लीला नहीं होती। अतः प्रभु राम का आकलन मानवी दृष्टिकोण से करना त्रुटिपूर्ण है।
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